Sahir Ludhianvi: मशहूर शायर एवं गीतकार साहिर लुधियानवी की आज पुण्यतिथि है। साहिर लुधियानवी का जन्म पंजाब के लुधियाना शहर में हुआ था। साहिर एक ऐसे शायर के तौर पर जाने जाते हैं, जिन्होंने समाज के संवेदनशील मुद्दों पर बात की। साहिर की रचनाएं आज भी उतनी ही जीवंत हैं जितनी उस दौर में थीं।
साहिर के बारे में कुछ खास बातें….
– साहिर का जन्म 8 मार्च, 1921 को पंजाब के लुधियान में एक जमींदार परिवार में हुआ था। साहिर ने अपनी मैट्रिक तक की पढ़ाई लुधियाना के खालसा स्कूल से पूरी की।
– साहिर ने आगे की पढ़ाई के लिए लाहौर का रूख किया, जहां उन्होंने सरकारी कॉलेज से पढ़ाई पूरी की। कॉलेज के कार्यक्रमों में वह अपनी गजलें और नज्में पढ़कर सुनाया करते थे जिससे उन्हें काफी सोहरत मिली।
– साहिर जब शायरी करने लगे तो अपना नाम “साहिर” रख लिया, यानी जादूगर। और लुधियाना का होने की वजह से लुधियानवी। मशहूर पंजाबी लेखिका अमृता प्रीतम कॉलेज में साहिर के साथ ही पढ़ती थी। अमृता साहिर के गजलों और नज्मों की मुरीद हो गयी और उनसे प्यार करने लगी।
– कुछ समय बाद 1943 में साहिर को कॉलेज से निष्कासित कर दिया गया। इसका कारण यह माना गया कि अमृता के पिता को साहिर और अमृता के रिश्ते पर ऐतराज था, क्योंकि साहिर मुस्लिम थे और अमृता सिख थीं।
– साहिर इस बीच प्रोग्रेसिव रायटर्स एसोसिएशन से जुड़कर उर्दू पत्रिकाओं के लिए लिखने लगे और आदाबे लतीफ, शाहकार और सवेरा जैसी कई लोकप्रिय पत्रिकाएं निकालीं। सवेरा में उनके क्रांतिकारी विचार को देखकर पाकिस्तान सरकार ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। आखिरकार 1950 में साहिर मुंबई आ गए।
– साहिर अपने कैरियर में दो बार सर्वश्रेष्ठ गीतकार के फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गए।
– लगभग 3 दशकों तक हिंदी सिनेमा को अपने रूमानी गीतों से सराबोर करने वाले साहिर लुधियानवी 59 वर्ष की उम्र में 25 अक्टूबर, 1980 को इस दुनिया को अलविदा कर दिया।