रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से हटा चीन के अतिक्रमण से जुड़ा दस्तावेज़, राहुल गांधी का पीएम मोदी पर हमला

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Negotiations will continue to resolve the India-China border dispute

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर (India-China Border Disputes) जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर एक डॉक्यूमेंट अपलोड किया था। इसके मुताबिक, लद्दाख के कई इलाकों में चीनी सेना के अतिक्रमण की घटनाएं बढ़ी हैं। चीन के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर रुख अपनाए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने रक्षा मंत्रालय के इस दस्तावेज के हवाले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। हालांकि, राहुल गांधी के ट्वीट के बाद अब उस दस्तावेज को रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से हटा लिया गया है।

साइट पर अपलोड किए गए इस दस्तावेज में रक्षा मंत्रालय ने पहली बार आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार किया गया था कि चीनी सैनिकों ने मई में पूर्वी लद्दाख में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी और मौजूदा गतिरोध अभी और लंबा खिंचेगा। डॉक्यूमेंट के मुताबिक, चीन ने 17 से 18 मई के बीच लद्दाख में कुंगरांग नाला, गोगरा और पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर अतिक्रमण किया है। इसमें कहा गया है कि 5 मई के बाद से चीन का यह आक्रामक रूप LAC पर नजर आ रहा है. 5 और 6 मई को ही पैंगोंग त्सो भारत और चीन की सेना के बीच में झड़प हुई थी। हालांकि ताजा अपडेट के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने इस दस्तावेज़ को अपनी वेबसाइट से हटा लिया है।


प्रधानमंत्री में चीन का नाम लेने तक की हिम्मत नहीं: राहुल गांधी

वेबसाइट से दस्तावेज हटाए जाने के बाद राहुल गांधी ने एक बार फिर ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा, ‘चीन के खिलाफ खड़े होने की बात तो भूल ही जाइए, भारत के प्रधानमंत्री में उनका नाम लेने तक की हिम्मत नहीं है। चीन के हमारे इलाके में होने को नकारने और वेबसाइट से डॉक्युमेंट हटा लेने से तथ्य नहीं बदल जाएंगे।’

दरअसल, पिछले महीने गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि न तो कोई भारतीय क्षेत्र में घुसा था और न ही कोई अभी घुसा हुआ है। राहुल गांधी पीएम मोदी के इसी बयान को लेकर उन पर झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं। गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष में भारत के 21 जवान शहीद हुए थे जबकि चीन के कम से कम 45 सैनिक मारे गए थे।

बता दें कि दोनों देशों के बीच चल रहे सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देश सैन्य वार्ताएं कर रहे हैं। इसके तहत भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच बीते रविवार को 5वें दौर की बातचीत हुई थी, जो बेनतीजा रही है। ऊपर से चीन ने ही उल्टा भारत को भारतीय जमीन से पीछे हटने को कहा है। वहीं, चीन के इस प्रस्ताव को भारत ने ठुकरा दिया है।


जानकारी के मुताबिक, चीन ने भारत से फिंगर 4 से भी पीछे हटने को कहा है, जबकि भारत फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग किया करता था और भारत फिंगर 8 को LAC मानता है। फिंगर 4 LAC के इस पार भारत के नियंत्रण वाला क्षेत्र रहा है, लेकिन मई महीने से चीनी सेना फिंगर 4 पर आ चुकी थी। बाद में बातचीत के बाद चीनी सेना फिंगर 5 पर चली गई। भारतीय सेना को अब भी चीनी सेना फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग करने के लिए आगे नहीं बढ़ने दे रही है।

रक्षा मंत्री ने मई में कबूली थी चीनी अतिक्रमण की बात

बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मई के आखिर में अपने एक टेलिविजन इंटरव्यू में कहा था कि चीन के सैनिक बड़ी संख्या में ‘उस इलाके में अंदर तक आए थे, जहां वे पहले नहीं आया करते थे।’ हालांकि बाद में आधिकारिक तौर पर यह स्पष्ट किया गया कि बयान का यह गतल मतलब न निकाला जाए कि जैसे चीनी सैनिक एलएसी पर भारतीय क्षेत्र में घुस आए हैं।

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