रक्षा मंत्रालय के मिलिट्री अफेयर्स डिपार्टमेंट ने आर्मी ऑफिसर्स की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। इसके साथ ही जो प्री मैच्योर रिटायरमेंट लेंगे उनकी पेंशन घटाने का प्रस्ताव भी है। भारतीय सेना में लगातार बढ़ते पेंशन के खर्चे को कम करने कि लिए अब रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर विचार हो रहा है।
रक्षा मंत्रालय की सिफारिश के मुताबिक सेना उन एरिया की पहचान कर रही हैं कि जहां रिटायरमेंट उम्र बढा़कर 58-60 साल की जा सकती है। जिस भी आर्मी ऑफिसर्स की नौकरी 20 से 25 साल के बीच की होगी उसे पेंशन का महज पचास फीसदी हिस्सा दी दिया जाएगा।
इसके साथ ही जिस आर्मी ऑफिसर्स की नौकरी 26 से 30 साल की बीच होगी उसे पेंशन का 60 फीसदी, वहीं 31 से 35 सालों की सर्विस देने वालों को 75 फीसदी पेंशन का लाभ मिलेगा। जबकि 35 साल से ज्यादा की सर्विस मुहैया कराने वाले ऑफिसर को ही फुल पेंशन के योग्य माना जाएगा।
आपको बता दें कि कुछ समय पहले ही रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र सेना के उन जवानों को भी अशक्त पेंशन invalid pension देने की अनुमति दे दी है, जिन्होंने 10 साल से कम सेवा दी है। दरअसल अभी सशस्त्र सेना के उन जवानों को इनवैलिड पेंशन दिए जाने का प्रावधान है।
जिन्होंने 10 साल से अधिक की सेवा दी हो और जो किन्हीं ऐसे कारणों से आगे सैन्य सेवा के लिए अमान्य करार दिए जा चुके हैं जो सैन्य सेवा से संबद्ध नहीं रखते हैं। वहीं 10 साल से कम सेवा वाले सैनिकों को अभी केवल इनवैलिड ग्रेच्युटी मिलती है। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि सरकार ने सशस्त्र सेना में दस साल से कम सेवा देने वाले जवानों को भी इनवैलिड पेंशन देने का फैसला किया है।
ऐसे सैनिक, जिनकी सेवा 10 साल से कम की है और जिनके जख्मी होने या मानसिक कमजोरी के कारण उनकी सेवा आगे नहीं बढ़ाई गई हो या अमान्य किए गए हों और जिस कारण उसे स्थायी रूप से सैन्य सेवाओं एवं असैन्य पुनर्नियुक्ति से हटा दिया गया है, उन्हें इस फैसले से लाभ मिलेगा. मंत्रालय ने कहा है कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।