दिल्ली अनाज मंडी आग: दोस्त मोनू अग्रवाल ने कहा- मुशर्रफ के परिवार का रखेंगे ख्याल

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दिल्ली अनाज मंडी आग: दोस्त मोनू अग्रवाल ने कहा- मुशर्रफ के परिवार का रखेंगे ख्याल

दिल्ली मंडी आग ने 43 जानों को हमेशा के लिए उनके प्रियजनों से दूर कर दिया। साथ ही साथ हादसे के वक्त आग में फंसे मुशर्रफ अली का अपने दोस्त मोनू अग्रवाल को किया आखिरी कॉल सबके जेहन में बस गया है। वहीं दिल्ली में अपने दोस्त मुशर्रफ की डेड बॉडी लेने पहुंचे मोन ने एनबीटी से बात करते हुए कहा कि मैं मुशर्रफ को किया अपना वादा निभाउंगा और उसके परिवार का हमेशा ख्याल करेंगे।

यह मत सोचना मैं चला गया, हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा… मौत से पहले ये बात मुशर्रफ ने अपने बचपन के दोस्त मोनू अग्रवाल को फोन पर कही। एनबीटी से बातचीत में मोनू ने कहा कि उन दोनों की दोस्ती खून की रिश्तेदारी और मजहब से कहीं ऊंची थी। बचपन के दोस्त थे, कभी भी हिंदू-मुसलमान का पता नहीं चला। पिछले शुक्रवार को वह गांव आया था, हमने खूब समय बिताया था। वह मेरे ऊपर बहुत विश्वास करता था।


गौरतलब है कि मुशर्रफ जब आग में बुरी तरह से घिर गया था, तो उसने अपने परिवार में किसी को फोन न करके अपने बचपन के दोस्त मोनू को फोन किया और कहा कि मेरे परिवार को लेके पहुंच जाना। मुशर्रफ के इस भरोसे को कायम रखते हुए मोनू डेड बॉडी लेने दिल्ली पहुंचे थे। मोनू ने कहा कि कभी ऐसा नहीं लगा कि हम दोनों अलग मजहब के हैं। अपनी बातें एक दूसरे के साथ साझा करते रहे। जो बात मैं अपने परिवार को नहीं बता सकता था, वह मैंने मुशर्रफ के साथ साझा की।

मौत से पहले उसने जो दर्द बयान किया, वह याद कर मैं सहम जा रहा हूं। उसकी बातें ऐसी थी कि मानो मेरे सामने मौत खड़ी हो। वह बात कर रहा था तो पीछे से चीखें सुनाई पड़ रही थीं। मैं इतना बेबस और लाचार था कि बस सुनता रहा। मोनू ने कहा कि मुशर्रफ अपने पीछे चार बच्चे और मां को छोड़ गया है। अब उसकी जिम्मेदारी तो मेरे कंधे पर है। इस घटना में बिहार के साथ यूपी के भी बहुत सारे युवा शिकार हुए हैं, कई की मौत हो गई है। हमारी यूपी सरकार से मांग है कि वो भी दिल्ली और बिहार सरकार की तरह मुआवजा दे।


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