दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) से चंद महीने पहले कांग्रेस (Congress) को बड़ा झटका लगा है। चांदनी चौक सीट से चार बार पार्टी के विधायक रहे प्रहलाद सिंह साहनी (Prahlad Singh Sawhney) आम आदमी पार्टी (आप) का दामन थाम लिया है। साहनी के कांग्रेस को ‘बाय-बाय’ कहने के पीछे पार्टी से टिकट को लेकर हुई तकरार बताई जा रही है। प्रहलाद सिंह साहनी (Parlad Singh Sawhney) अपने पुत्र के साथ रविवार को AAP में शामिल हुए।
AAP प्रमुख और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर उनका स्वागत किया।
प्रहलाद सिंह साहनी जी का आम आदमी पार्टी में स्वागत। https://t.co/JRPYm4aqsp
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 6, 2019
दिवंगत मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के करीबी माने जाने वाले प्रहलाद सिंह साहनी चांदनी चौक सीट से अपने बेटे पुनरदीप सिंह साहनी को टिकट दिलवाना चाहते हैं। लेकिन कांग्रेस, AAP छोड़कर पार्टी में सम्मिलित हुईं अलका लांबा को टिकट देने के मूड में है। साहनी चांदनी चौक इलाके के लोकप्रिय नेता रहे हैं। वह 1998 में पहली बार चांदनी चौक से चुनाव जीते थे। फिर 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ी अलका लांबा ने हरा दिया था।
कांग्रेस छोड़नेवाले तीसरे बड़े नेता होंगे
गौरतलब है कि प्रहलाद सिंह साहनी हाल के दिनों में दिल्ली कांग्रेस से नाता तोड़ने वाले तीसरे बड़े नेता होंगे। इससे पहले लोकसभा चुनाव 2019 के समय पूर्व मंत्री और पार्टी के दलित चेहरे राज कुमार चौहान ने कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी का हाथ थाम लिया था। इसके बाद तिमारपुर से दो बार विधायक रहे सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं।
देखा जाए तो शीला दीक्षित के निधन के बाद कांग्रेस लगातार नेतृत्व संकट से जूझ रही है और किसी पॉपुलर चेहरे की तलाश में है। दिल्ली विधानसभा चुनाव की आहट से ही पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। मिसाल के तौर पर चांदनी चौक पर भी उम्मीदवार तय करना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा। खबर है कि पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल भी यहां से अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे हैं।