दिल्ली: निज़ामुद्दीन इलाके में 200 लोगों में कोरोना के लक्षण, धार्मिक आयोजन में शामिल 2000 लोग हुए क्वारंटाइन

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दिल्ली: निज़ामुद्दीन इलाके में 200 लोगों में कोरोना के लक्षण, धार्मिक आयोजन में शामिल 2000 लोग हुए क्वारंटाइन

दिल्ली के निज़ामुद्दीन में एक धार्मिक जलसे के आयोजन के बाद कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हैं। पुलिस का कहना है कि करीब 2000 लोग बिना किसी अनुमति के यहाँ एक धार्मिक आयोजन में इकट्ठा हुए थे। सभी को दिल्‍ली के अलग-अलग अस्‍पतालों में ले जाया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन लोगों ने कुछ दिन पहले ही एक धार्मिक कार्यक्रम में हिस्‍सा लिया था, जिसके बाद इनमें से कुछ लोग कल देर रात दिल्‍ली के एलएनजेपी अस्‍पताल लाग गए थे और उनकी जांच कराई गई थी। इसके बाद बाकी के लोगों को दिल्‍ली के अस्‍पतालों में लाया गया है और इनके संबंध में जो भी लोग आए थे, उनकी भी लिस्‍ट तैयार की जा रही है। सभी लोगों को क्‍वारंटाइन कर दिया गया है। जिन लोगों को जांच के लिए ले जाया गया उनमें से एक की मौत हुई है, जो तमिलनाडु का रहने वाला बताया जा रहा है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि उसकी मौत की वजह क्या है।


एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “जब हमें पता चला कि इस तरह का आयोजन हुआ है तो फिर हमने इस मामले में लॉकडाउन का उल्लंघन करने के लिए नोटिस जारी किया।”

उन्होंने बताया, “कई लोगों को उनमें कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद अस्पताल ले जाया गया है और उनका टेस्ट किया जा रहा है।”

पुलिस पूरे इलाके की ड्रोन से निगरानी कर रही है। पुलिस लगातार पेट्रोलिंग भी कर रही है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई बाहर न घूम रहा हो। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अभी करीब एक हजार लोग इस्लामिक प्रचार प्रसार सेंटर के अंदर हैं। इस इस्लामिक सेंटर में 15 देशों के 100 से ज्यादा विदेशी हैं, बाकी करीब 1000 भारतीय इसके अंदर हैं। किसी को भी बाहर निकलने की परमिशन नहीं है। करीब 200 लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया है। इन्हें खांसी और बुखार की शिकायत है।


बता दें कि दिल्ली में अब तक कोरोना वायरस के 72 मामले सामने आ चुके हैं। राजधानी में दो संक्रमितों की मौत हो चुकी है। इस महीने के शुरुआत में ही दिल्ली सरकार ने किसी भी तरह के धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक आयोजनों पर 31 मार्च तक के लिए पाबंदी लगा दी थी। इसके अलावा विरोध-प्रदर्शनों में 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर भी रोक लगा दी थी। प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए 25 मार्च से 21 दिनों की लॉकडाउन की घोषणा कर रखी है

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इससे कुछ देर पहले ही दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके बताया था कि अब सख्ती की जा रही है, जिसकी वजह से लोगों के सड़क पर निकलने का सिलसिला अब बंद हो गया है। आसपास के राज्यों से लोग दिल्ली के अंदर भी आने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे दिल्ली पार करके वह दूसरे राज्यों में जा सके, लेकिन वहां पर पुलिस और प्रशासन उनको रोक रहा है।

बता दें कि दिल्ली में कोरोना वायरस के इलाज में लगी पूरी मेडिकल टीम के लिए दिल्ली सरकार ने व्यवस्था बनाई है। सभी मेडिकल टीम 2 शिफ्ट में काम करेंगी। एक टीम सुबह 8 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक, यानी 10 घंटे काम करेगी, तो दूसरी टीम शाम 6 बजे से लेकर अगले दिन सुबह 8 बजे तक, यानी 14 घंटे काम करेगी। डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ लगातार 14 दिन बिना किसी छुट्टी या ब्रेक के काम करेंगे। 14 दिन लगातार काम करने के बाद इनको 14 दिन का ब्रेक दिया जाएगा। इस दौरान इनके रहने/रुकने की व्यवस्था अस्पताल करेगा। दिल्ली में ऐसे 21 अस्पताल हैं, जिन पर यह आदेश लागू होगा। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के आदेश पर यह व्यवस्था बनाई गई है।


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