राजधानी दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले के कई इलाकों की सड़कों और गलियों में करीब चार दिन तक चला हिंसा का तांडव अब थम जरूर गया है, लेकिन उपद्रव की इस आग ने कई घरों और दुकानों को जलाकर राख कर दिया। इन दंगों में 40 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए। जैसे-जैसे हालात सामान्य होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे दंगाइयों का शिकार हुए लोगों की दर्दनाक कहानियां सामने आ रही हैं।
ऐसी ही एक घटना दिल्ली के खजूरी खास इलाके की है जहां 25 फरवरी को दंगाइयों ने एक मोहल्ले में रहने वाले सभी मुसलमानों के घर जला दिए। इन्हीं घरों के बीच एक घर बीएसएफ के जवान मोहम्मद अनीस का भी था, जिसे दंगाइयों ने जलाकर राख कर दिया। अनीस के परिवार की जिंदगी भर की जमा-पूंजी इसमें जलकर ख़ाक हो गई। अनीस और उसकी चचेरी बहन नेहा की अगले दो महीनों में शादी होने वाली थी। इसलिए, घर में जेवर और नकद रुपये भी जमाकर रखे थे जो आग की भेंट चढ़ गए।
जवान की मदद के लिए आगे आया बीएसएफ
अब बीएसएफ अपने जवान मोहम्मद अनीस की मदद के लिए आगे आया है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) को मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसा के दौरान उसके एक कांस्टेबल मोहम्मद अनीस का घर जल गया। बीएसएफ का कहना है कि अनीस ने खुद अपने सीनियर्स को इस बात की जानकारी नहीं दी, लेकिन उसके घर को दोबारा बनवाने में मदद की जाएगी। बीएसएफ ने इंडिया टुडे टीवी से कहा है कि वह कांस्टेबल के परिवार को आर्थिक मदद भी मुहैया कराएगा।
Delhi: A team of Border Security Force today visited the house BSF constable Mohammad Anees, whose house in Khajuri Khas area was set on fire during #DelhiViolence. DIG (Headquarters) Pushpendra Rathore says, “He is currently posted in Odisha & soon will be transferred to Delhi”. pic.twitter.com/nEV0cLdijY
— ANI (@ANI) February 29, 2020
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बता दें कि 25 फरवरी की रात जब दंगाई खजूरी खास की गली में दाखिल हुए तो उस समय घर में पिता मो. मुनीस (55), चाचा मो अहमद (59) और 18 वर्षीय चचेरी बहन नेहा के साथ खुद बीएसएफ जवान अनीस भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि जब दंगाई गली में तबाही मचाने लगे और आसपास के मुसलमानो के घर जलाने लगे, तो उन्हें लगा कि घर के बाहर बीएसएफ का नेमप्लेट देखकर दंगाई जरूर उनका घर छोड़ देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार सबसे पहले दंगाइयों ने घर के बाहर खड़ी कार को आग के हवाले कर दिया और फिर घर पर पत्थरबाजी करने लगे। इसके बाद उन्होंने नारे लगाते हुए एक गैस सिलेंडर घर के अंदर फेंक दिया और उसमें आग लगा दी। ऐसे हालात में मौत से बचने का कोई मौका नहीं देख अनीस किसी तरह परिवार सहित घर से छिपकर निकल भागने में कामयाब रहे। इसी दौरान अनीस ने किसी तरह अनीस के हालात की खबर अर्द्धसैनिक बलों को चल गई, जिन्होंने अनीस से संपर्क कर उन्हें और उनके परिवार को वहां से सुरक्षित निकाला।