देश को सुरक्षित, दीर्घकालिक आधारभूत ढांचे की जरूरत : आईएसएसडीए प्रमुख

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नई दिल्ली, 16 मार्च (आईएएनएस)| मुंबई के सीएसटी फुट-ओवर-ब्रिज दुर्घटना ने एक बार फिर देश की पुरानी हो चुकी आधारभूत संरचनाओं को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इन तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए देश की शीर्ष स्टेनलेस स्टील निकाय, इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट (आईएसएसडीए) ने देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प चुनने की अहमियत पर जोर दिया है। आईएसएसडीए की ओर से जारी एक बयान में संस्था के अध्यक्ष के.के. पाहुजा ने कहा है, “देश में एक सुरक्षित और मेंटेनेंस फ्री इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सर्वश्रेष्ठ सामानों का चयन करना बेहद जरूरी है। हम स्थानीय अधिकारियों और अन्य संबंधित विभागों से सभी आधारभूत परियोजनाओं में स्टेनलेस स्टील का उपयोग करने का अनुरोध करते हैं, क्योंकि इससे मजबूती तो आएगी ही, ढांचे लंबे समय तक मजबूती से टिके रहेंगे।”

उन्होंने कहा, “भारतीय रेलवे द्वारा अन्य यूटिलिटीज के साथ इसकी आगामी आधारभूत संरचना के लिए स्टेनलेस स्टील पर पहले से ही भरोसा किया जा रहा है। मुंबई में भायंदर स्टेशन पर भारतीय रेलवे द्वारा प्रस्तावित स्टेनलेस स्टील फुट-ओवर-ब्रिज इसका उदाहरण है। आइएसएसडीए तकनीकी ज्ञान और सहयोग के माध्यम से सरकार और नगर प्रशासनों को हर तरह की मदद उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।”


उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, देश में लगभग 1,35,000 रेलवे पुल मौजूद हैं, जिनमें से तकरीबन 25 फीसदी पुल 100 साल से भी ज्यादा पुराने हैं और उन्हें तत्काल बदलने की जरूरत है। हालांकि, हर साल 1000 से अधिक पुलों को पुनरुस्थापित किया जा रहा है, लेकिन इन पुलों के पुनर्निर्माण की संख्या काफी तेजी से बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही देश में 7500 किमी का एक तटीय किनारा है, जिसे स्टेनलेस स्टील इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत अनिवार्य हो गई है। समुद्र तटीय इलाकों में हवा में नमक के होने से इन क्षेत्रों में मौजूद पुलों में जंग का प्रभाव रहता है और उनके गिरने की आशंका बनी रहती है।

 


(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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