देश में वन क्षेत्र 13 हजार वर्ग किलोमीटर बढ़ा : जावड़ेकर

  • Follow Newsd Hindi On  

नई दिल्ली, 30 दिसम्बर (आईएएनएस)| केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को यहां कहा कि देश में पिछले चार सालों में 13 हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ा है। जावड़ेकर ने यह बात भारत में वनों की स्थिति पर ‘इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2019’ जारी करने के दौरान कही।

जावड़ेकर ने कहा कि दुनिया में जिन देशों में वन क्षेत्र बढ़ा है, उनमें भारत आगे हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी नीतियों और जनसहभागिता के कारण देश में वनों का विकास संभव हुआ है।


फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2017 की तुलना में 5,199 वर्ग किलोमीटर फॉरेस्ट कवर और ट्री कवर में इजाफा हुआ है। फॉरेस्ट कवर जहां 3,976 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है, वहीं ट्री कवर 1,212 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है।

जावड़ेकर ने कहा कि वैसे पिछले चार वर्षों के दौरान जंगल क्षेत्र 13 हजार वर्ग किलोमीटर बढ़ा है।

उन्होंने कहा, “देश में पेड़ लगाने को लोग पुण्य मानते हैं और पेड़ कटाई के खिलाफ यहां आंदोलन चलते हैं। मुझे खुशी है कि फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की ताजा रिपोर्ट में साबित हुआ है कि दुनिया के चंद देश हैं, जहां जंगल बढ़ा है, उनमें भारत बहुत आगे है।”


भारत में जंगलों की हालत पर फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया हर दो साल पर रिपोर्ट जारी करता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कुल 7,12,249 वर्ग किलोमीटर फॉरेस्ट कवर यानी वन क्षेत्र है। यह आंकड़ा देश के भौगोलिक क्षेत्र का 21.67 प्रतिशत है। जबकि 95,027 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में ट्री कवर है। यह देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.89 प्रतिशत है।

रिपोर्ट में देश के पांच उन राज्यों को शामिल किया गया है, जहां सर्वाधिक वन क्षेत्र बढ़ा है। इनमें कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं। कर्नाटक में 1025 वर्ग किलोमीटर, आंध्र प्रदेश में 990 वर्ग किलोमीटर, केरल में 823 वर्ग किलोमीटर, जम्मू-कश्मीर में 371 और हिमाचल प्रदेश में 334 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ पूर्वोत्तर के पांच राज्यों और पुडुचेरी को छोड़कर अन्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वन क्षेत्र बढ़ा है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)