आज यानी 10 नवंबर 2020 को बिहार चुनाव के नतीजे सामने आ जाएंगे। फिलहाल रुझानो के अनुसार एनडीए सबसे आगे चल रही है। भाजपा को 74 सीटों पर बढ़त है तो जनता दल यू को 50 सीटों पर।
बीजेपी के जेडीयू से ज्यादा सीटें पाने के बात पर अब सत्ता के गलियारों में यह सवाल उठ रहा है कि क्या अब भी भाजपा बिहार में नीतीश कुमार को ही सीएम बनाएगी? कहीं ऐसा तो नहीं कि ज्यादा सीटों की वजह से भाजपा, बिहार सरकार में अब अपनी बड़ी भूमिका देखने लगेगी और प्रदेश के मुखिया की कुर्सी पर अपने किसी नेता को देखना चाहेगी?
बिहार को लेकर पहले ही भाजपा सार्वजनिक तौर पर ऐलान कर चुकी है कि ज्यादा सीटें जीतने के बाद भी एनडीए की ओर से बिहार के सीएम नीतीश कुमार ही रहने वाले हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा अलग-अलग मौकों पर जनता के बीच भी इस बात का ऐलान कर चुके हैं। मंगलवार को वोटों की गिनती के दौरान प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एक बार फिर दोहराया कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ही बनेंगे।
उनका कहना है कि, भाजपा पहले ही ये ऐलान कर चुकी है। अब इस सवाल का कोई मतलब नहीं। मुझे समझ नहीं आ रहा कि इस तरह के सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं। जेडीयू नेता के.सी.त्यागी ने भी कहा कि बिहार में सीएम पद को लेकर कोई सवाल नहीं है। चुनाव के पहले से ही तय है कि नीतीश कुमार ही सीएम बनेंगे।
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने इस मुद्दे पर कहा कि, भाजपा भगवान श्रीराम को अपना आदर्श माने वाली पार्टी है। इसका आदर्श है,’प्राण जाए पर वचन न जाए।’ बिहार में निश्चित ही नीतीश कुमार अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। यह बात तथ्यात्मक रूप से सही है कि बीजेपी को ज्यादा सीटें मिलती दिख रहीं हैं जब आप गठबंधन में होते हैं तो जीत भी साथ होती है, हार भी साथ।