महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शपथ लेने के सिर्फ तीन दिन बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था, लेकिन उन्होंने पहले ही इस्तीफा दे दिया है। उनसे पहले मुख्यमंत्री अजित पवार ने भी इस्तीफा दे दिया। देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के बाद राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रिया आने लगी है। आइये जानते हैं किसने क्या कहा…
महाराष्ट्र: फ्लोर टेस्ट से पहले देवेंद्र फडणवीस ने डाले हथियार, 3 दिन बाद दिया CM पद से इस्तीफा
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता नवाब मलिक ने ट्वीट किया, “बीजेपी नेता नितिन गडकरी जी कह रहे थे कि क्रिकेट और राजनीति में कभी भी और कुछ भी हो सकता है, शायद वे भूल गए थे कि शरद पवार ICC के अध्यक्ष रह चुके हैं , कर दिया ना क्लीन बोल्ड।”
बीजेपी नेता @nitin_gadkari जी
कह रहे थे की क्रिकेट और राजनीति
में कभी भी और कुछ भी हो सकता है ,
शायद वे भूलगए थे @PawarSpeaks ICC के अध्यक्ष रह चुके हैं ,
कर दियाना क्लीन बोल्ड ।#MaharashtraPolitics#MaharashtraGovtFormation— Nawab Malik (@nawabmalikncp) November 26, 2019
कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे संवैधानिक लोकतंत्र की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि उन्हें लग रहा था कि हॉर्स ट्रेडिंग से सरकार बना लेंगे। यह सिर्फ देवेंद्र फडणवीस की विफलता नहीं है लेकिन दिल्ली में बैठे लोगों के मुंह पर तमाचा है। कांग्रेस ने कहा है कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को महाराष्ट्र के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
KC Venugopal,Congress on Devendra Fadnavis and Ajit Pawar resign: This is a victory of constitutional democracy. They thought through horse trading they can make Govt. This is not only a failure of Devendra Fadnavis but also a slap on faces of their masters sitting in Delhi pic.twitter.com/tC5oHgHl6D
— ANI (@ANI) November 26, 2019
केसी वेणुगोपाल ने आगे कहा कि आज शाम तीनों दलों की एक बैठक होगी और उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। बैठक में संयुक्त रूप से विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इस बैठक में उद्धव ठाकरे को नेता चुना जा सकता है।
कांग्रेस ने मोदी और शाह से मांगा जवाब
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘जनमत’ को अगुवा करने वालों के ‘अल्पमत’ की पोल खुल ही गई। अब साफ़ है कि भाजपा में चाणक्यनीति के मायने प्रजातंत्र का अपहरण है। देवेंद्र फड़नवीस व अजित पवार को महाराष्ट्र की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए।
‘जनमत’ को अगुवा करने वालों के ‘अल्पमत’ की पोल खुल ही गई।
अब साफ़ है कि भाजपा में चाणक्यनीति के मायने प्रजातंत्र का अपहरण है।
श्री देवेंद्र फड़नवीस व श्री अजित पवार को महाराष्ट्र की जनता से माफ़ी माँगनी चाहिए।
उनकी सरकार झूठ व दलबदल पर आधारित थी जो ताश के पतों सी ग़िर गई।
1/2 pic.twitter.com/yTweNam0nR— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 26, 2019
सुरजेवाला ने आगे कहा कि उनकी सरकार झूठ व दलबदल पर आधारित थी जो ताश के पत्तों सी गिर गई। आज का दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह की जबाबदेही भी सुनिश्चित करने का है।
भोर की भूल ने देश को शर्मिंदा किया : अखिलेश
वहीं सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि आज संविधान दिवस पर संविधान को मानने वालों की जीत हुई है और नकारने वालों की करारी हार हुई है।
आज संविधान दिवस पर संविधान को मानने वालों की जीत हुई है और नकारने वालों की करारी हार.
विशेष सांविधानिक शक्ति के दुरुपयोग के लिए नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए किसी और को भी इस्तीफ़ा दे देना चाहिए, जिनकी ‘भोर की भूल’ ने आज देश को सारे विश्व के सामने शर्मिंदा किया है. #NoMoreBJP
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 26, 2019
इस्तीफे से पहले शिवसेना पर बरसे फडणवीस
आपको बता दें कि इस्तीफे का ऐलान करने से पहले देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता का ठीकरा शिवसेना पर फोड़ा। उन्होंने कहा कि हमने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और बहुमत हासिल किया था, लेकिन हमें जनता ने 105 सीटें देकर ज्यादा समर्थन दिया। लेकिन, शिवसेना ने यह देखते हुए कि उसके बगैर सरकार नहीं बन सकती है तो वह सीएम की मांग पर अड़ गई, जबकि ऐसी कोई तय नहीं हुई थी।
सबसे कम समय के लिए महाराष्ट्र के CM रहने वाले नेता बने देवेंद्र फडणवीस, 80 घंटों में गई कुर्सी
फडणवीस ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद तीनों पार्टियां 10 दिन तक न्यूनतम साझा कार्यक्रम तक तय नहीं कर पाए। उनका मकसद सिर्फ भाजपा को हटाकर सत्ता पाना है। उन्होंने कहा कि शिव सेना का हिंदुत्व अब सोनिया जी के चरणों में नतमस्तक है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि तीन पार्टियों वाली सरकार का भविष्य लंबा नहीं है। तीन पार्टियों की सरकार अपने बोझ तले दबेगी। तीनों पहियों तीन दिशाओं में चलेंगे और महाराष्ट्र जैसा अगड़ा राज्य की क्या परिस्थिति होगी इसके बारे में मैं कह नहीं सकता। हम विपक्ष में बैठकर जनता के लिए काम करेंगे। गरीबों की आवाज को सरकार तक पहुंचाएंगे।