धर्मेद्र प्रधान : लगातार दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री, जानें छात्र नेता से केंद्रीय मंत्री तक का सफर

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता धर्मेद्र प्रधान अपने संगठनात्मक कौशल के लिए चर्चित रहे हैं। वह दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) नीत केंद्र की पूर्व सरकार में वह पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस और कौशल विकास मंत्री थे।


हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधान ओडिशा में भाजपा के प्रमुख चेहरा रहे।

वर्ष 2009 में पल्लाहारा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हारने के बावजूद वह अपने राजनीतिक सफर में सतत प्रगतिशील रहे।

प्रधान के संगठनात्मक कौशल से भगवा दल को ओडिशा में 21 में से आठ लोकसभा सीटों पर जीत मिली, जबकि पार्टी के वोटों की हिस्सेदारी में भी काफी वृद्धि हुई।


पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रधान के पुत्र धर्मेद्र प्रधान का जन्म 26 जून 1969 को तालचेर में हुआ था। वह अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) श्रेणी से आते हैं।

उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) से 1983 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। वह 1985 में तालचेर में छात्रसंघ के अध्यक्ष बने बाद में वह अभाविप के राष्ट्रीय सचिव बन गए।

उन्होंने ओडिशा के उत्कल विश्वविद्यालय से नृविज्ञान में एम. ए. किया।

2000 में वह पल्लाहारा से विधायक बने जब बीजू जनता दल भाजपा के साथ गठबंधन में ओडिशा में सत्ता में आया।

वह देवगढ़ संसदीय क्षेत्र से 2004 में चुने गए।

प्रधान 2004 से 2006 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।

इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय सचिव रहते हुए उन्होंने बिहार में पार्टी के प्रभारी के तौर पर काम किया। वह कर्नाटक, उत्तराखंड, झारखंड और ओडिशा में भी पार्टी के प्रभारी रहे।

2014 में राजग सरकार के सत्ता में आने पर उन्हें स्वतंत्र प्रभार के साथ पेट्रोलियम मंत्री बनाया गया। बाद में उनको कैबिनेट रैंक प्रदान किया गया और कौशल विकास का अतिरिक्त प्रभार प्रदान किया गया।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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