‘दिल तो पागल है’ ने डांस के प्रति अवधारणा बदल दी : श्यामक डावर

  • Follow Newsd Hindi On  

मुंबई, 7 नवंबर (आईएएनएस)| कोरियोग्राफर श्यामक डावर को साल 1997 की दिवाली में रिलीज हुई यश चोपड़ा की फिल्म ‘दिल तो पागल है’ में सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनका कहना है कि शाहरुख खान, माधुरी दीक्षित और करिश्मा कपूर अभिनीत इस फिल्म ने भारत में डांस के प्रति लोगों की अवधारणा बदल दी।

‘सेलकाउथ’ नामक अपने समकालीन डांस शो में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “‘दिल तो पागल है’ की रिलीज के बाद लोगों ने महसूस किया कि डांसिंग न ही अश्लील या भद्दी है और न ही यह कोई बुरी चीज है। हमने डांस को एक खास तरह का सम्मान दिया है, जो मेरे लिए अहमियत रखती है।”


श्यामक ने याद करते हुए कहा, “इससे पहले, भारत में डांस उतना स्वीकार्य नहीं था। जो लड़के डांस करते थे उन्हें या तो लड़कियों जैसा समझा जाता था या समलैंगिक माना जाता था और डांस क्लासेज में आने वाली लड़कियों को खराब माना जाता था। यह 30 साल पहले की बात है। आज, लोग डांसिंग को अच्छा मानते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि नृत्य बेहद ही उपचारात्मक, वैज्ञानिक, स्वास्थ्यप्रद और आत्मविश्वास के निर्माण में सहायक है। अब तो बच्चे भी कम उम्र में आते हैं, उन दिनों क्लास में कोई भी बच्चा नहीं हुआ करता था।”

 


(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)