दिल्ली : आदेश के 20 साल बाद भी 10 हजार बसों का लक्ष्य अधूरा

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 नई दिल्ली, 22 जुलाई (आईएएनएस)| आज से लगभग 20 साल पहले जुलाई, 1998 में सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को अप्रैल 2001 तक बसों की संख्या बढ़ाकर 10,000 तक करने का निर्देश दिया था, लेकिन इतने सालों में छह से अधिक सरकारों के आने के बाद भी वर्तमान में दिल्ली ट्रासपोर्ट कॉरपोरेशन (डीटीसी) क्लस्टर के बेड़े में कुल 5,576 बसें ही हैं।

 सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2019 तक दिल्ली में 5,576 बसे संचालित हैं जिनमें 3,897 डीटीसी बसें हैं और 1,679 क्लस्टर बसें हैं। नारंगी बसों को क्लस्टर योजना के तहत संचालित किया जाता है। इसे 2011 में तत्कालीन ब्लू लाइन बसों के बदले शुरू किया गया था।


दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) ने मई 2020 तक करीब 4000 और बसों को लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिससे बसों की संख्या 9,500 तक हो जाएंगी। हालांकि आगामी साल में इस सरकार का कार्यकाल फरवरी में समाप्त हो जाएगा।

जोड़ी जाने वाली 4,000 नई बसों में से 1,000 स्टैंडर्ड फ्लोर क्लस्टर बसें और 1,000 लो फ्लोर क्लस्टर बसें होंगी।

क्लस्टर के अलावा, डीटीसी द्वारा 1,000 सीएनजी लो फ्लोर बसें और 1,000 इलेक्ट्रिक बसें भी शामिल की जाएंगी।


2015 के विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में आप ने कहा था कि वह शहर में बसों का विस्तार करेंगे।

फरवरी 2015 में आप ने जब चुनाव में भाग लिया तब पार्टी को 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल हुई, लेकिन 5,000 नई बसें लाने का वादा साढ़े चार वर्षो में वह पूरा नहीं कर सके।

जुलाई 2018 में, दिल्ली सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के सामने एक हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया कि शहर अपने कुल आवश्यक 11,000 बसों के लक्ष्य से दूर है। शहर में केवल 5,554 बसे संचालित हैं।

इसमें कहा गया कि संचालित होने वाली बसों में 1,275 लो फ्लोर एसी बसें, 2,506 लो फ्लोर नॉन-एसी बसें, 101 ग्रीन स्टैंडर्ड फ्लोर नॉन-एसी बसें और 1,672 क्लस्टर बसें हैं।

वहीं परिवहन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों में दावा किया गया है कि मार्च तक शहर में 58 बस डिपो हैं, जिनमें 5,561 बसों को पार्क करने की क्षमता है, जो कि पूरी तरह से भर चुका है।

परिवहन विभाग के अधिकारी ने कहा, “विभाग का लक्ष्य शहर में मार्च 2020 तक 9,500 बसों को पार्क करने की क्षमता वाले डिपो की संख्या को बढ़ाकर 70 करने का है।”

हालांकि परिवहन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार शहर में मार्च तक कुल 5,567 बसें संचालित थीं, लेकिन इस साल की शुरुआत में दिल्ली के डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन द्वारा जारी एक अन्य आंकड़ें में दावा किया गया है कि दिल्ली में 5,884 बसों का संचालन होता है।

इसमें कहा गया है कि दिल्ली में साल 2013-2014 में 5,847 बसें थीं, जो साल 2014-15 में बढ़कर 6,118 हो गई थी। वहीं इस संख्या में 2015-16 में कमी आई और बसों की संख्या 5,659 रह गईं और वहीं इसके एक साल बाद बसों की संख्या 5,826 हो गई और 2017-18 में बसों की संख्या 5,884 रहीं जो अंतिम वित्तीय वर्ष 2018-19 में भी स्थिर है।

इसमें दावा किया गया है कि शहर को अतिरिक्त 3,000 बसें मिलेंगी और इनकी संख्या 8,884 हो जाएगी।

परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “हर साल जब कुछ बसों को प्रयोग के लायक नहीं पाया जाता है तो उनकी संख्या को कम कर दिया जाता है, इसलिए समय-समय पर संख्या अलग-अलग हो सकती है।”

वर्ष 2018-19 के बीच डीटीसी बसों में प्रतिदिन औसतन सवारियां 33 लाख थीं, जबकि क्लस्टर बसों की संख्या 12.24 लाख थी।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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