दिल्ली हिंसा में अवैध हथियारों के इस्तेमाल से बेहाल पुलिस ने पकड़ा पिस्तौल-कारतूस का जखीरा, 2 गिरफ्त

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 नई दिल्ली, 17 मार्च (आईएएनएस)| दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीमों ने अवैध पिस्तौल और कारतूस का बड़ा जखीरा पकड़ा है। इस सिलसिले में दो लोग गिरफ्तार किए गए हैं। गिरफ्तार हथियार तस्करों के नाम नरेश सिंह (55) और महेंद्र कुमार (39) हैं।

 स्पेशल सेल ने यह छापेमारी तब शुरू की, जब उसे फरवरी महीने में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में अवैध हथियारों से अंधाधुंध गोलियां बरसाए जाने की बात पता चली। सन 2018 से अब तक दिल्ली में स्पेशल सेल द्वारा करीब 700 से ज्यादा अवैध सेमी-ऑटोमैटिक हथियार जब्त किए जा चुके हैं।


दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (उत्तरी परिक्षेत्र) के डीसीपी संजीव कुमार यादव ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया, “दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल सन 2018 से लेकर अब तक दिल्ली में करीब 700 से ज्यादा इस तरह के अवैध सेमी-ऑटोमैटिक खतरनाक अवैध हथियार जब्त कर चुकी है। सोमवार को हाथ लगे दोनों हथियार तस्करों को इंद्रप्रस्थ पार्क के गेट नंबर एक से दबोचा गया।”

गिरफ्तार हथियार तस्कर नरेश सिंह उप्र के फिरोजाबाद जिले का और महेंद्र कुमार फिरोजाबाद जिले के ही शिकोहाबाद इलाके का रहने वाला है। इनके पास से 25 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल और 50 जीवित कारतूस मिले हैं।

डीसीपी संजीव कुमार यादव के मुताबिक, “जिस तरह उत्तर पूर्वी दिल्ली की हिंसा में अवैध हथियारों के इस्तेमाल की बात सामने आई, उससे हम लोग सतर्क हो गए थे।”


डीसीपी स्पेशल सेल ने आगे कहा, “देश के अन्य राज्यों से दिल्ली में हथियार लाने वाले तस्करों की धर-पकड़ के लिए सेल के इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक और कुलदीप सिंह की विशेष टीम बनाई गई थी। इस टीम का नेतृत्व सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) जसबीर सिंह को दिया गया था। करीब एक महीने तक स्पेशल सेल की टीमों ने इन हथियार तस्करों का उनके ठिकानों तक पीछा किया। पता चला कि दिल्ली में अवैध हथियार सबसे ज्यादा खरगांव, धार, मनावर और बुरहानपुर (मध्य प्रदेश) से बनाकर भेजे जा रहे हैं।”

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीमें पकड़े गए दोनों हथियार तस्करों से अब जानना चाह रही हैं कि क्या उन्होंने कभी उत्तर पूर्वी जिले में भी किसी शख्स को हथियारों की आपूर्ति की थी। हालांकि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “इस सवाल का जबाब पकड़े गए हथियार तस्करों से मिलना मुश्किल है। क्योंकि हथियार तस्करों के सरगना कभी भी इन कैरियर्स को (देश के अन्य राज्यों से दिल्ली में हथियार लाने वाले) उन खरीददारों से सीधे नहीं मिलने देते। असल में ये कैरियर सिर्फ हथियारों की खेप अन्य राज्यों में मौजूद अवैध हथियार फैक्ट्रियों से लाकर दिल्ली में किसी एक बड़े तस्कर के हवाले करके लौट जाते हैं। उसके बाद दिल्ली में मौजूद हथियार तस्करों का सरगना धीरे-धीरे सौदा करके हथियारों को राष्ट्रीय राजधानी में आगे बेचता रहता है।”

डीसीपी ने आईएएनएस को बताया, “पकड़ा गया हथियार तस्कर नरेश सिंह मूलत: इटावा (उप्र) का रहने वाला है। काफी साल से वह फिरोजाबाद से हथियारों की तस्करी में लिप्त था। नरेश के खिलाफ उप्र में भी शस्त्र अधिनियम के तहत दो मामले पहले से दर्ज हैं। सन 2016 में नरेश थाना नरखी, जिला फिरोजाबाद, उप्र में गिरफ्तार भी हुआ था। 2017 में वह दोबारा गैंगस्टर एक्ट के तहत इसी थाना क्षेत्र में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।”

पूछताछ में हथियार तस्कर नरेश सिंह ने बताया कि वह बीते 8-10 साल से अवैध हथियारों की तस्करी में लिप्त है। नरेश सिंह अवैध हथियार अधिकांशत: मध्य प्रदेश के मनावर से लाता था। जबकि कारतूसों का इंतजाम वह उप्र के ही हापुड़ जिले से करता था। दूसरा हथियार तस्कर महेंद्र कुमार स्नातक है। पहले वह बिजली मिस्त्री का काम करता था। 2015 में नरेश सिंह के संपर्क में आने पर उसने भी अवैध हथियारों की तस्करी शुरू कर दी। महेंद्र कुमार के खिलाफ थाना न्यू आगरा में शस्त्र अधिनियम के तहत दो अलग-अलग

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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