दिल्ली में बेलगाम अपराध : पुलिस कमिश्नर ने खुद की ‘क्लास’ के बाद ली सबकी क्लास!

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 नई दिल्ली, 27 सितंबर (आईएएनएस)| एक दिन पहले ही, यानी गुरुवार को उप-राज्यपाल की ‘क्लास’ से लौटे, दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने अगले ही दिन यानी शुक्रवार को मातहत पुलिस अफसरों की जमकर क्लास ली।

  तमाम आला-आईपीएस अफसरों की इस ‘विशेष-क्लास’ का मुख्य उद्देश्य, उन्हें समय रहते सुस्ती छोड़कर तुरंत ‘बेसिक-पुलिसिंग’ पर उतर आने की सीधी-सीधी चेतावनी थी।


बैठक में यूं तो बहुत कुछ खुलकर ‘कहा-सुना’ गया, मगर भीड़ के बीच खास थी यह बात कि “क्राइम जब होता है तभी छपता है।” पुलिस कमिश्नर ने बिना किसी लाग-लपेट के मातहतों को दो टूक कह दिया कि वे क्राइम कंट्रोल पर तुरंत ध्यान दें। जब आपराधिक घटनाएं होंगी ही नहीं तो, फिर छपेंगी भी भला क्यों और कैसे? बैठक में मौजूद सभी 15 जिलों के उपायुक्तों (डीसीपी) को पुलिस कमिश्नर ने चलते-चलते जो नसीहत दी, वो तमाम बाकी हिदायतों में से सबसे भारी थी। उन्होंने कहा, “जिस एसएचओ के इलाके में संगीन आपराधिक घटना घटेगी, वो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे।”

शुक्रवार को आईटीओ स्थित दिल्ली पुलिस मुख्यालय में शाम पांच बजे शुरू हुई यह विशेष बैठक करीब दो घंटे चली। बैठक में सभी छह परिक्षेत्रों के विशेष पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था), विशेष पुलिस आयुक्त, सभी 15 जिलों के पुलिस उपायुक्त तलब किए गए थे। मकसद था इस पर विमर्श कि आखिर इस समय शहर में खुलेआम हो रही लूटपाट-मारकाट, गोलीकांडों पर कैसे काबू पाया जाए? आखिर यह सब अचानक इस कदर बढ़ कैसे गए?

दिल्ली पुलिस मुख्यालय सूत्रों ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, “राजधानी में अपराधियों द्वारा मचाए जा रहे कोहराम को लेकर एक दिन पहले, यानी गुरुवार को दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक और उनके कुछ मातहत विशेष पुलिस आयुक्तों को तलब किया था।”


सूत्रों के मुताबिक, उप-राज्यपाल से मिली नसीहतों को आगे बढ़ाकर उन्हें अमल में लाने के उद्देश्य से ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार की शाम दो घंटे लंबी बैठक बुलाई थी।

यूं तो बैठक में, कुछ दिनों से राजधानी में बदतर हो चली कानून व्यवस्था की हालत पर ही विचार-विमर्श होना था, मगर बिगड़ी कानून व्यवस्था पर जब पुलिस आयुक्त ने मातहतों को आड़े हाथ लिया, तो वे बहाने तलाश कर खुद की गर्दन बचाने की जुगत बताने-सुझाने लगे। यह बात पुलिस आयुक्त को खासी नागवार गुजरनी थी सो गुजरी भी।

लिहाजा, बैठक में बदले हुए माहौल पर गरमाए पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने मातहत पुलिस अफसरों को दो टूक बता-समझा दिया, “अखबारों में, मीडिया में क्राइम तभी छपता दिखता है जब होता है। जब क्राइम होगा ही नहीं तो फिर दिखेगा और छपेगा भला क्यों और कैसे?”

पुलिस कमिश्नर के इस सवाल-जबाब से मातहतों की गर्दन झुक गईं। बैठक के गर्माए माहौल में तमाम पुलिस अफसरों ने चुप रहने में ही अपनी खैर समझी। मातहतों की चुप्पी के बाद भी पुलिस कमिश्नर ने मगर बोलना जारी रखा। अमूल्य पटनायक ने कहा, “जिस तरह का अपराध इन दिनों राजधानी में सामने आ रहा है, उस पर बेसिक पुलिसिंग के जरिये ही काबू पाया जा सकता है। लिहाजा, बिना वक्त गंवाए हुए थाने-चौकी अपने बीट-सिस्टम को एक्टिव कर दें।”

बैठक के बीच पुलिस आयुक्त ने जिला पुलिस उपायुक्तों से साफ-साफ कह दिया कि वे जिले में पहुंचकर हर थाने के एसएचओ (थाना प्रभारी) को जाकर समझा बता दें कि आपराधिक घटना में उनकी लापरवाही पाए जाने पर उन्हें हटाने में गुरेज नहीं किया जाएगा।

शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक के बारे में अधिकृत जानकारी के लिए आईएएनएस ने मध्य दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) और दिल्ली पुलिस के मुख्य प्रवक्ता का भी अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे मंजीत सिंह रंधावा से संपर्क साधने की कई बार कोशिश की। रात नौ बजे खबर लिखे जाने तक उनकी तरफ से कोई अधिकृत प्रतिक्रिया नहीं आई।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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