दिल्ली में भड़की हिंसा से फल-सब्जी बाजार प्रभावित

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नई दिल्ली, 26 फरवरी (आईएएनएस)| देश की राजधानी दिल्ली में भड़की हिंसा का सबसे ज्यादा असर फल और सब्जी के कारोबार पर पड़ा है। थोक मंडियों में फलों और सब्जियों खरीददार कम हो गए हैं। उत्तर भारत की प्रमुख सब्जी मंडी आजादपुर में फलों और सब्जियों के तकरीबन 25 फीसदी ग्राहक नदारद हो गए हैं। ये ग्राहक फलों और सब्जियों के खुदरा कारोबार करने वाले हैं, जो दिल्ली के कुछ इलाकों में बीते दो दिनों से हालात तनावपूर्ण होने के कारण मंडी नहीं पहुंच रहे हैं। आजादपुर मंडी के एक थोक सब्जी कारोबारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि रेहड़ियों और पटरियों पर जो खुदरा फल व सब्जी बेचने वालों में एक समुदाय के लोग अधिक हैं, जिनमें से अधिकांश मंडियों में नहीं पहुंच रहे हैं।

एक फुटकर कारोबारी ने बताया कि अभी माहौल खराब है, इसलिए जो वह दो दिनों से थोक मंडियों से फल नहीं मंगा रहा हैं, बल्कि पहले का जो स्टॉक बचा हुआ है, उसी को बेच रहे हैं।


आजादपुर मंडी स्थित कृषि बाजार विपणन समिति यानी एपीएमसी के एक अधिकारी (आधिकारिक बयान देने के लिए अधिकृत नहीं) से जब इस संबंध में पूछा तो उन्होंने भी बताया कि बीते दो दिनों से मंडी में फलों और सब्जियों का उठाव कम हो रहा है और बैलेंस स्टॉक रह रहा है। उन्होंने बताया कि जिन फलों का स्टॉक ज्यादा बच रहा है उनमें संतरा, किन्नू, अमरूद, सेब, तरबूज, खरबूजा आदि है, फलों की तुलना में सब्जियों का बचा हुआ स्टॉक कम है।

इससे फलों और सब्जियों के दाम और आवक पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया, “दाम पर थोड़ा असर जरूर है, लेकिन आवक पर कोई खास असर नहीं है, क्योंकि दिल्ली आने के लिए सिर्फ गाजियाबाद के रास्ते बंद होने से फलों और सब्जियों की आवक पर कोई विशेष असर नहीं पड़ता है। राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व अन्य जगहों से लगातार आवक हो रही है, लेकिन खुदरा कारोबारियों की तादाद घट गई है, जिससे आवक के मुकाबले उठाव कम हो रहा है।”

आजादपुर मंडी के ही सब्जी के थोक कारोबार से जुड़े एक कारोबारी ने बताया कि दिल्ली में हिंसा की घटनाओं के कारण बने हालात से आजादपुर मंडी में कारोबार पर करीब 20-25 फीसदी असर पड़ा है। उन्होंने बताया कि आजादपुर से कहीं ज्यादा असर यमुना पार की थोक मंडियों पर पड़ा है, जहां फलों और सब्जियों के खुदरा कारोबारियों के नदारद रहने से थोक कारोबार पर 60-70 फीसदी असर पड़ा है।


उन्होंने बताया कि इससे सब्जियों के थोक भाव में तकरीबन 10 फीसदी की गिरावट आई है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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