दिल्ली में मिथिलालोक ने मनाया अटल जन्मोत्सव

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 नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)| भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर के अवसर पर यहां मंगलवार को मिथिलालोक फाउंडेशन के तत्वावधान में लक्ष्मीनगर स्थित लिंग्वा फैमिली के प्रांगण में अटल जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।

 अटल के प्रधानमंत्री रहते मिथिला की भाषा मैथिली को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था। इस अवसर पर ‘अटलगीत’ का विमोचन भी किया गया। देखते ही देखते यह गीत सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अटलगीत की रचना जाने-माने लेखक डॉ. बीरबल झा ने की है और इसे अपने सुर से सजाया है गायिका मनदीप कौर ने।


सभा को संबोधित करते हुए ‘पाग पुरुष’ डॉ. बीरबल झा ने कहा कि अटल बिहारी बाजपेयी एक युगपुरुष थे। देश की तरक्की में उनका योगदान अतुलनीय है। राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण के लिए अटल जी स्वाभाविक रूप से याद किए जाएंगे।

मिथिला की सांस्कृतिक प्रतीक चिन्ह पाग को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले डॉ. बीरबल ने आगे कहा, “संविधान की अष्टमसूची में मैथिली भाषा को स्थान दिलाकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी ने संपूर्ण मिथिलावासी का दिल जीतने में कामयाब हुए थे। सीता की धरती आज भी अनुग्रहीत है।”

गौरतलब है कि पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने पाग पर डाक टिकट भी जारी किया था।


डॉ. बीरबल ने जोर देते हुए कहा कि अटल जी ने ही कोसी पुल बनवाकर दो भाग में बंटी मिथिला को एकसूत्र में जोड़ा। इस पुल के निर्माण में जनता दल (युनाइटेड) के महासचिव संजय झा ने भी अहम भूमिका निभाई थी।

उन्होंने कहा कि अटल जी किसी जाति धर्म व वर्ग के नेता नहीं थे। वे दलगत राजनीति से ऊपर उठे राजनेता थे। उनकी लोकप्रियता, सूझबूझ एवं दूरदर्शिता की चर्चा आज भी जगह-जगह होती है। सही मायने में वे एक आदर्श पुरुष थे।

डॉ. झा ने केंद्र सरकार से 25 दिसंबर को ‘अटल दिवस’ घोषित करने और अटल विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए अभियान चलाने की मांग की।

इस मौके पर दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता राजेश शांडिल्य ने कहा कि अटल बिहारी हिंदुस्तान के जनमानस के नेता थे, उनकी विचारधारा अनुकरणीय है।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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