दिल्ली सरकार निगम के हिंदूराव अस्पताल को लेकर कर रही है गलत बयानबाजी-महापौर जय प्रकाश

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नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। कोविड 19 के दौरान दिल्ली के हिंदूराव अस्पताल के डॉक्टरों को बीते 4 महीनों की सैलरी नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने हड़ताल पर जाने को लेकर नोटिस दिया। वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को यह जानकारी दी कि अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस के मरीजों को दिल्ली सरकार के अस्पतालों में शिफ्ट किया जाएगा।

जिसके बाद मरीजों को दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया है। साथ ही उन्होंने दिल्ली नगर निगम पर निशाना साधते हुए कहा कि “अगर एमसीडी से अस्पताल नहीं चल पा रहे हैं तो वह दिल्ली सरकार को सौंप दे।”


इस मामले पर उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि, “दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन हिंदूराव अस्पताल को लेकर राजनीति कर रहे हैं।” उन्होंने बताया कि, “जब से हिंदूराव अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल में तब्दील किया गया है, तब से लेकर आज तक दिल्ली सरकार ने एक भी पैसा हिंदूराव अस्पताल के लिए नहीं दिया। जिस के संबंध में हमने कई बार समीक्षा बैठक भी की है। हमने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ बैठक में भी इस बात को कहा था कि हिंदूराव अस्पताल में करोना मरीजों की संख्या काफी कम है, जिसे देखते हुए कोई निर्णय लेने की आवश्यकता है।”

उन्होंने बताया कि, “दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को फोन के माध्यम से निर्देश दिया है कि हिंदूराव अस्पताल में करोना मरीजों की कम संख्या को देखते हुए उन्हें दिल्ली सरकार के अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया जाए और हिंदूराव अस्पताल में सामान्य सेवाओं को बहाल कर दिया जाए।”

महापौर ने कहा कि, “दिल्ली सरकार लगातार उत्तरी दिल्ली नगर निगम के फंड में कटौती कर या बकाया फंड ना देकर निगम को आर्थिक रूप से पंगु बनाना चाहती है। दिल्ली सरकार ने वर्ष 2020-21 बीटीए का 425.06 करोड़ रू, स्वास्थ्य मद में 57.18 करोड़ रू, स्वच्छता मद में 271.80 करोड़ रू और शिक्षा मद में 201.80 करोड़ रू यानी कुल 955.84 करोड़ रू उत्तरी दिल्ली नगर निगम को नहीं दिया है। जिसके कारण कर्मचारियों को वेतन देने व विकास के कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है।”


महापौर ने कहा कि, “दिल्ली सरकार उत्तरी दिल्ली नगर निगम को पैसा ना देकर दिल्ली में अराजकता का माहौल पैदा करना चाहती है, ताकि आगामी निगम चुनाव में वह इसका फायदा ले सकें। दिल्ली सरकार जानबूझकर निगमों को पैसा नहीं दे रही है, ताकि नगर निगम जनता के लिए कोई विकास कार्य ना कर सके ना ही अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन दे सके।”

–आईएएनएस

एमएसके/एएनएम

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