दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने आंदोलनरत किसानों का किया समर्थन

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नई दिल्ली, 2 दिसम्बर (आईएएनएस)। दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक संगठन, दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। डीटीए में शामिल टीचर्स और प्रोफेसर्स ने आंदोलनरत किसानों की मांगों को जायज ठहराया है। डीटीए का मानना है कि किसानों की समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार को बिना शर्त बात करनी चाहिए।

डीटीए का कहना है कि हम आंदोलनकारी किसानों की मांग के समर्थन में उनके साथ खड़े हैं। संगठन के पदाधिकारियों ने इस विषय पर अपनी एक अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में यह निर्णय लिया है।


एसोसिएशन के प्रोफेसर हंसराज सुमन, डॉ. नरेंद्र कुमार पांडेय, डॉ. आशा रानी ,डॉ. मनोज कुमार सिंह व डॉ. राजेश राव आदि ने बैठक में किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए, हर संभव सहयोग देने को कहा है।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा, पिछले छह दिन से चल रहा किसानों का आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण है, लेकिन उनके साथ सरकार कठोर बर्ताव कर रही है। सरकार उनके आंदोलन को कुचलने ,दबाने, उन्हें खदेड़ने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले और वाटर केनन की बौछार कर उन्हें आंदोलन से हटा रही है।

प्रोफेसर सुमन ने केंद्र सरकार को किसानों से तुरंत बातचीत करके उनकी समस्याओं का यथाशीघ्र समाधान निकालने की अपील की है।


डीटीए ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की है कि पिछले दो महीने से विभिन्न राज्यों में किसान आंदोलन चल रहे थे। केंद्र सरकार से किसान अपील कर रहे थे कि उनकी तीनों मांगों पर विचार किया जाए, लेकिन केंद्र सरकार ने किसानों की अपील को अनसुना कर दिया। अंतत किसान संगठनों को दिल्ली की ओर रुख करना पड़ा। जहां वह ठिठुरती सर्दी में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।

डीटीए ने सरकार से अपील की है कि कृषि प्रधान देश के अन्नदाता किसानों से सरकार तुरन्त बातचीत करे और उनकी समस्याओं का यथाशीघ्र समाधान करे।

प्रोफेसर सुमन ने डूटा नेतृत्व से भी अपील की है कि वह किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए उनके लिए सड़कों पर उतरें व उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान कर उनके आंदोलन को बल दें।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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