नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता की सुरक्षा के लिए बागपत जिले में अवैध रूप से संचालित हो रहे ईंट भट्टों पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है।
बागपत जिले की वायु पूरे देश की सबसे प्रदूषित वायु में से एक है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, बागपत जिला की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ रिकॉर्ड की गई है, और कुरुक्षेत्र, मुजफ्फरनगर, भिवाड़ी और ग्रेटर नोएडा के बाद यह सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में से पांचवें स्थान पर है।
एनजीटी के चेयरपर्सन आदर्श कुमार गोयल ने बागपत में ईंट भट्टों के अवैध संचालन के खिलाफ कार्रवाई के लिए याचिकाएं सुनने के बाद यह आदेश पारित किया। जिसे में करीब 600 ईंट भट्टे अवैध रूप से चल रहे हैं।
न्यायिक सदस्य एस.पी.वांगडी और विशेषज्ञ सदस्य नागिन नंदा वाली पीठ ने कहा, “उप्र राज्य में संबंधित प्राधिकरण ईंट भट्टों के अवैध संचालन के खिलाफ कड़ी निगरानी रख सकते हैं, ताकि एनसीआर में वायु गुणवत्ता की रक्षा की जा सके। साथ ही उन्होंने इस मामले पर 11 जनवरी 2021 को सुनवाई की बात कही।”
ट्रिब्यूनल ने देखा कि चूंकि एक अन्य मामले, उत्कर्ष पंवार बनाम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में निषेधाज्ञा जारी की गई थी, ऐसे में ईंट भट्ठा गतिविधियों को मुख्य सचिव के आदेश द्वारा अनुमति नहीं दी जा सकती थी।
बागपत के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने यह भी रिपोर्ट दर्ज की है कि, जिन ईंट भट्टों का संचालन हो रहा है, उन्हें बंद कर दिया गया है।
–आईएएनएस
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