नई दिल्ली | दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक और सदन में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता को ‘असंसदीय भाषा’ का इस्तेमाल करने के चलते पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया। जैसे ही सत्र शुरु हुआ, नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के साथ मिलकर भाजपा के दूसरे विधायक ओ.पी. शर्मा, जगदीश प्रधान और मजिंदर सिंह सिरसा हंगामा करने लगे। वे अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के संबंध में चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे थे।
विधानसभा अध्यक्ष गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री इस बाबत पहले ही केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन कर चुके हैं और सदन से इस मुद्दे का कोई लेना देना नहीं है।
इसके बाद विपक्ष के विधायक विधानसभा अध्यक्ष के आसन के पास आ गए और सदन की कार्यवाही को बाधित करने लगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने सबसे पहले मार्शल को बुलाकर मजिंदर सिंह सिरसा को बाहर निकलवा दिया। इसके बाद भी बाकी के विधायक कार्यवाही को बाधित करते रहे। विधानसभा अध्यक्ष ने कार्रवाई करते हुए सदन के सत्र के लिए विजेंद्र गुप्ता को निलंबित कर दिया। विधानसभा सत्र का समापन 26 अगस्त को होगा।
गुप्ता को निलंबित किए जाने के विरोध में भारतीय जनता पार्टी के चारों विधायक दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।
प्रदर्शन पर बैठे गुप्ता ने मीडिया से कहा, “मुझे पूरे सत्र के लिए सिर्फ इसलिए बाहर कर दिया गया क्योंकि मैं अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद विधानसभा के माध्यम से सभी भारतीयों को प्रस्ताव लाकर बधाई देना चाहता था। मेरे खिलाफ ऐसी कार्रवाई आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार द्वारा की जा रही लोकतंत्र की हत्या का उदहारण है।”
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