हाथ की जगह मुंह से पेन पकड़कर दी NEET परीक्षा, अब कुल्‍लू के मेडिल कॉलेज से करेंगे एमबीबीएस

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एक बार यदि आप पूरे मन से कुछ ठान लें और पूरी लगन से उसे पाने की कोशिश में लग जाएं, तो निश्चित ही सफलता आपके कदम चुमेगी। अगर आप में  मजबूत इच्‍छाशक्‍ति है तो आपको कोई आसमान छुने से कोई नहीं रोक सकता। इस सच को साबित कर दिखाया कुल्‍लू के रजत कुमार ने। रजत ने दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (NEET) में सफलता पाई है। इस होनहार छात्र ने मुंह से पेन पकड़कर परीक्षा दी और एग्‍जाम में 150 अंक हासिल किए हैं। जी हां अब वो जल्‍द ही कुल्‍लू के मेडिल कॉलेज से एमबीबीएस में प्रवेश लेंगे। वहीं डॉक्टर बनने के बाद रजत पैरों से स्टेथेस्कोप पकड़कर मरीजों को चेक करेंगे।

गौरतलब है कि नीट परीक्षा में दिव्‍यांग कोटे से 14वीं रैंक हासिल करने वाले रजत बचपन से ही पढ़ने-लिखने में मेधावी रहे हैं। उन्‍होंने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 700 में से 613 अंक हासिल किए थे। रजत ने मुंह से पेंट ब्रश पकड़कर बेहतरीन चित्रकारी भी करते हैं। स्कूल में पेंटिंग की हर प्रतियोगिता रजत ने ही जीती है। रजत के माता-पिता भी उनकी सफलता से बेहद खुश है।


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मीडिया खबरों के अनुसार, रजत के पिता शिक्षक जयराम और माता दिनेश कुमारी ने बताया कि रजत जब चौथी कक्षा में पढ़ता था तो अपने पैतृक गांव के घर के आंगन में खेल रहा था। उसी समय घर की छत के पास बिजली की एचटी लाइन से उसे जोरदार करंट लगा, जिससे उसके दोनों हाथ कंधे के बिलकुल पास से काटने पड़े थे। इसके बावजूद रजत ने हिम्मत नहीं हारी और मुंह और पांव से पेन पकड़कर लिखने का सिलसिला जारी रखा। वह मुंह से पेन पकड़कर एग्‍जाम देता रहा और एक होनहार स्‍टूडेंट के तौर पर शामिल हुआ। वहीं, रजत की मेहनत का नतीजा आज सबके सामने हैं।

रजत की हिम्मत को आज दुनिया सलाम करती है। ऐसे लोग दूसरों की जिंदगी में एक आस की किरण जगा देते हैं और सफल होने का सपना भी दिखाते हैं।


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