दो साल में बंद होंगे प्रदूषण फैलाने वाले 60-70 बिजली संयंत्र : जावडेकर

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नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने प्रदूषण के खिलाफ चल रही जंग में आम जनता को सीधे जोड़ने की पहल करते हुए रविवार को जनसंवाद किया। उन्होंने फेसबुक लाइव के दौरान जनता से सुझाव लिए तो तमाम सवालों के जवाब भी दिए। केंद्रीय मंत्री ने मोदी सरकार की ओर से प्रदूषण के खात्मे के लिए उठाए गए सभी कदमों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश में अगले दो वर्षों में प्रदूषणकारी 60 से 70 बिजली संयंत्रों को चिह्न्ति कर बंद किया जाएगा। दिल्ली-एनसीआर में बदरपुर और सोनीपत के बिजली संयंत्र बंद हो चुके हैं।

जावडेकर ने कहा कि देश में प्रदूषण के पांच से छह प्रमुख कारण हैं — ट्रैफिक, उद्योग, कूड़ा-कचरा, धूल, पराली और जियोग्राफी। पर्यावरण मंत्री ने मोदी सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में बताते हुए कहा कि बीएस 6 फ्यूल के इस्तेमाल से प्रदूषण में 25 से 60 फीसद तक कमी आती है। 62 हजार करोड़ की लागत से बीएस 6 फ्यूल को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।


सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के जरिए राजधानी में प्रदूषण की समस्या से निपटने के प्रयासों का भी उन्होंने जिक्र किया। उन्होंने कहा, वर्ष 2014 में दिल्ली और एनसीआर में जहां 25 30 लाख लोग मेट्रो से सफर करते थे, आज 45 से 50 लाख लोग मेट्रो से आते-जाते हैं। यह बड़ी उपलब्धि है। क्योंकि मेट्रो के संचालन से करीब चार लाख गाड़ियों को सड़क पर आने से रोका गया है। ईस्टर्न-वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे बनने से जो 60 हजार वाहन बिना जरूरत के दिल्ली से गुजरकर प्रदूषण फैलाते थे, वह समस्या भी खत्म हुई है। अब सभी शहरों में मेट्रो और ई बसों की सुविधा बढ़ाई जा रही है।

केंद्रीय मंत्री ने फेसबुक लाइव के दौरान कहा कि समस्या तो पहले से है। लेकिन मोदी सरकार ने 2015 में पहली बार नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स लांच किया। 2016 से हवा की गुणवत्ता की गिनती शुरू हुई। उन्होंने कहा, वर्ष 2016 में जहां 250 दिन खराब हवा के होते थे, आज 180 दिन रह गए हैं। यानी कि 70 दिन अच्छी हवा के बढ़े हैं। आज छह महीने प्रदूषण रहता है, जिसमें 40 दिन पराली के शामिल होते हैं। वहीं छह महीने प्रदूषण नहीं रहता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजह भूगोल की समस्या भी है। हवा न चलने पर दिल्ली में प्रदूषण की समस्या ज्यादा रहती है। तेज हवा चलने पर प्रदूषण उड़ जाता है।


जावडेकर ने बताया कि मोदी सरकार ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली में वर्ष 2016 में कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन मैनेजमेंट के नए नियम भी बनाए। जावडेकर ने कहा, जहां तक इंडस्ट्री की बात है तो हमने दिल्ली नहीं पूरे देश में प्रदूषणकारी बिजली संयंत्र फेजआउट कार्यक्रम शुरू किया है। अगलो दो वर्षों में 60 से 70 बिजली संयंत्र बंद हो जाएंगे। यह पहला बड़ा कार्यक्रम है। दिल्ली-एनसीआर में बदरपुर, सोनीपत आसपास के प्लांट बंद भी हुए हैं।

–आईएएनएस

एनएनएम-एसकेपी

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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