बीजिंग, 24 जुलाई (आईएएनएस)| चीनी सेना चीन-भारतीय सीमा पर स्थिरता और सुरक्षा के लिए काम कर रही है। इसके अलावा डोकलाम गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।
यह जानकारी बुधवार को चीन के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक श्वेत पत्र के माध्यम से मिली है।
भूटान ने दावा किया था कि भारतीय सेना द्वारा 2017 में डोकलाम में चीन द्वारा भारतीय बॉर्डर के पास एक सड़क निर्माण को रोका गया था। उस समय दोनों सेनाओं के बीच काफी तनाव बढ़ गया था।
श्वेत पत्र में यह भी कहा गया है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी देश में अतिक्रमण व घुसपैठ के खिलाफ पहरा देती है।
लंबे समय तक चले डोकलाम गतिरोध ने दोनों देशों के बीच चले आ रहे सीमा विवाद को और भी बढ़ा दिया था। हालांकि अब दोनों देशों के बीच संबंधों को पुनर्जीवित किया गया है।
पत्र में कहा गया, “चीन की सशस्त्र सेना सीमा सुरक्षा और स्थिरता को सुरक्षित रखने के लिए अतिक्रमण, घुसपैठ, तोड़फोड़ या उत्पीड़न के खिलाफ एक कठोर पहरा बनाए रखती है।”
चीनी दस्तावेज में कहा गया, “वे भारत के साथ सीमा पर स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं और डोंगलांग (डोकलाम) के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रभावी उपाय भी करते हैं।”
चीन ने अपने नौ पड़ोसी देशों के साथ सीमा सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा 12 देशों के साथ सीमा पर बैठक करने के तरीके भी अपनाए हैं।
भारत और चीन के बीच 3,448 किलोमीटर लंबी सीमा पर दशकों पुराना विवाद है, जो दुनिया की नौवीं सबसे लंबी सीमा है।
चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है जबकि भारत अक्साई चीन पर अपना दावा करता है। 1962 में दोनों देशों के बीच युद्ध भी हो चुका है।