डॉक्टर कोटनिस का 110वां जन्मदिन मनाया गया

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बीजिंग, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। 10 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय योद्धा और भारतीय डॉक्टर द्वारकानाथ कोटनिस का 110वां जन्मदिन है। डॉक्टर कोटनिस का जन्म दिन मनाने और चीन-भारत के युवाओं को प्रेरित करने के लिये विदेशों के साथ चीनी मैत्री संघ (सीपीएएफएफसी) और पेइचिंग विश्वविद्यालय के दक्षिण एशियाई अनुसंधान केंद्र ने ‘मेरे आंखों में डॉक्टर कोटनिस’ के विषय पर चीनी और भारतीय विद्यार्थियों के लघु वीडियो की ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया। 10 अक्तूबर के दोपहर बाद इस प्रतियोगिता का पुरस्कार समारोह और सीपीएएफएफसी के अध्यक्ष लिन सोंगथ्यान व चीनी-भारतीय विद्यार्थियों के बीच गोष्ठी वीडियो के जरिये आयोजित हुआ। दोनों देशों के विश्वविद्यालयों के 300 से अधिक अध्यापकों और विद्यार्थियों ने इस गतिविधि में भाग लिया।

लिन सोंगथ्यान ने इस मौके पर भाषण देते हुए कहा कि इस सितंबर में जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध और विश्व फासीवादी विरोधी युद्ध में विजय की 75 वर्षगांठ मनाने के लिये गोष्ठी में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अत्यधिक प्रशंसा की कि चीन के जापानी-विरोधी युद्ध की सबसे कठिन काल में डॉक्टर कोटनिस समेत विदेशी दोस्तों ने चीन आकर चीनी जनता के साथ आक्रमण का विरोध किया। डॉक्टर कोटनिस ने सूत्र की तरह जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध के दौरान भारतीय लोगों की मित्रता पहुंचाई। इस संयुक्त चिकित्सा दल ने लगातार कई सालों से दोनों देशों में मुफ्त इलाज किया, संगोष्ठी आयोजित की और संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया। चीन-भारत संयुक्त चिकित्सा दल हमारे दोनों देशों के बीच चिकित्सा सहयोग बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चीन और भारत के युवाओं को डॉक्टर कोटनिस की भावना और चीन-भारत मित्रता को गहन रूप से समझना चाहिये। साथ ही उन्हें डॉक्टर कोटनिस की भावना का विकास करने में जुटना चाहिये।


इस गोष्ठी में भाग लेने वाले चीनी-विदेशी प्रतिनिधियों ने कहा कि वे डॉक्टर कोटनिस की भावना का पालन करेंगे, दोनों देशों के बीच दोस्ती जारी रखेंगे और राष्ट्रीय पुनरुत्थान में सहयोग करेंगे।

जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध के दौरान चीन की सहायता के लिए 5 भारतीय डॉक्टरों से गठित चिकित्सा दल वर्ष 1938 में चीन पहुंचा। चीन में उनकी निस्वार्थ सहायता चीन-भारत मित्रवत इतिहास में आदर्श मिसाल बन गयी। डॉक्टर द्वारकानाथ कोटनिस उनमें से एक थे। डॉक्टर कोटनिस ने युद्ध के मैदान में चीनी सैनिकों को बचाया और चीनी लड़की के साथ शादी की। बीमारी की वजह से डॉक्टर कोटनिस का 32 वर्ष की उम्र में चीन में निधन हो गया। युद्ध में विजय पाने के बाद भी चीनी लोग डॉक्टर कोटनिस को कभी नहीं भूले हैं। जैसा कि चीन के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष माओ त्सेतोंग ने कहा था कि डॉक्टर कोटनिस की अंतर्राष्ट्रीय भावना चीनी लोग हमेशा याद करते हैं।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)


–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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