Madhya Pradesh: नौकरी के पहले दिन से ही कर रहे थे कोरोना मरीजों की सेवा, अब खुद जिंदगी की जंग हार गए डॉक्टर शुभम

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Madhya Pradesh: नौकरी के पहले दिन से ही कर रहे थे कोरोना मरीजों की सेवा, अब खुद जिंदगी की जंग हार गए डॉक्टर शुभम

जब देश में कोरोना की शुरुआत हुई थी तो पूरे देश को केवल डॉक्टरों पर ही भरोसा था। कोरोना महामारी का प्रकोप एक बार फिर से देश में फैलता दिखाई दे रहा है। ऐसे में कोविड वॉरियर लगातार लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान को दाव पर लगाते नजर आ रहे हैं।

कुछ ऐसा ही खबर सामने आई मध्य प्रदेश के सागर स्थित सरकारी बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज से। यहां एक 26 वर्षीय चिकित्सक शुभम उपाध्याय खुद इस खतरनाक महामारी की चपेट में आ गए। लोगों की जान बचाते-बचाते शुभम खुद जिंदगी की जंग हार गए।


भोपाल के एक निजी अस्पताल में बुधवार को उनकी मौत हो गई। खबरों के अनुसार डॉ शुभम की यह पहली नौकरी थी। अपने नौकरी के पहले ही दिन से वह कोविड मरीजों को बचाने में जुटे हुए थे। इसी दौरान वह खुद भी संक्रमण की चपेट में आ गए। 10 नवंबर को स्थिति खराब होने के बाद भोपाल के चिरायु अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था। बीते 25 नवंबर को उनका निधन हो गया है।

चिरायु मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. अजय गोयनका ने कहा कि, 26 साल के डॉक्टर शुभम उपाध्याय की बुधवार को हमारे अस्पताल में मौत हो गई। वह कोरोना वायरस से संक्रमित थे और 10 नवंबर से हमारे अस्पताल में भर्ती थे। उनके फेफड़े पूरी तरह खराब हो गये थे। हमलोगों ने काफी कोशिश की लेकिन सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ।

वहीं, डॉ शुभम के साथी डॉक्टर उमेश पटेल ने कहा कि, उपाध्याय ने इसी साल आठ अप्रैल को सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में संविदा चिकित्सक के रूप में ड्यूटी ज्वाइन की थी। वह वहां पर कोविड-19 मेडिकल अधिकारी थे। वह 28 अक्टूबर को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे और तब से लेकर 10 नवंबर तक उनका इलाज सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में चल रहा था।


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