द्रमुक संविधान की मूल संरचना में बदलाव का विरोध करेगा

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 चेन्नई, 10 नवंबर (आईएएनएस)| द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) ने रविवार को कहा कि वह संविधान के मूल ढांचे को बदलने की अनुमति नहीं देगा और मौजूदा राज्य व जिला संरचना को खत्म कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाले केंद्र सरकार के 200 ‘जनपथ’ की तरफ बढ़ने की निंदा की।

 द्रमुक ने यहां अपने जनरल काउंसिल की बैठक में रिपोर्ट का हवाला देते हुए संकल्प लिया कि वह मौजूदा राज्य व जिलों को समाप्त कर केंद्र सरकार के 200 ‘जनपथ’ की योजना का विरोध करेगा और इस तरह के किसी कदम को छोड़ने का उसने आग्रह किया।


द्रमुक अध्यक्ष एम.के.स्टालिन ने इसे एक खास प्रस्ताव के तौर पेश किया।

पार्टी ने कहा कि मौजूदा शासन की संरचना को खत्म करना और 200 ‘जनपथ’ के साथ एकल संरचना को लाना यह राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) का विचार है।

डीएमके ने यह भी संकल्प लिया कि संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए, जिससे सभी 22 राष्ट्रीय भाषाओं को आधिकारिक भाषा बनाया जाए। आनुपातिक प्रतिनिधित्व में लाना चाहिए और संविधान में शामिल अवशिष्ट शक्तियों के तहत राज्यों को कानून बनाने की अनुमति होनी चाहिए, और केंद्र को बड़े भाई की तरह बर्ताव नहीं करना चाहिए।


(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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