दशकों से हिंसा देखते आ रहें कश्मीरी बच्चे : मलाला

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लंदन, 8 अगस्त (आईएएनएस)| नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और पाकिस्तानी कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने गुरुवार को कहा, “करीब सात दशकों से हिंसा के बीच कश्मीर के बच्चे पले-बड़े हैं।” ऐसे में मलाला ने जम्मू और कश्मीर से विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच क्षेत्र को लेकर चले आ रहे विवाद को खत्म करने की अपील की।

सबसे युवा नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला ने चल रहे कश्मीर विवाद को लेकर ट्वीट किया, “जब मैं बच्ची थी, जब मेरे माता और पिता भी बच्चे थे, यहां तक कि जब मेरे दादा-दादी भी युवा थे, तब से कश्मीर के लोग संघर्षरत हैं।”


ट्वीट में मलाला ने आगे लिखा, “करीब सात दशक से कश्मीर के बच्चे हिंसा के बीच पले बड़े हैं।” कार्यकर्ता ने कहा कि वह कश्मीर की परवाह करती है क्योंकि ‘दक्षिण एशिया मेरा घर है, एक घर जहां मैं कश्मीरियों सहित 1.8 अरब लोगों के साथ रहती हूं।’

इस क्षेत्र ने विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों, भाषाओं, व्यंजनों और रीति-रिवाजों का प्रतिनिधित्व किया है। मलाला ने उम्मीद जताते हुए कहा कि ‘हम सभी शांति से रह सकते हैं।’

मलाला ने अपने बयान में कहा कि वह कश्मीर की महिलाओं और बच्चों को लेकर ज्यादा चिंतित हैं, क्योंकि वे ‘हिंसा में सबसे अधिक प्रभावित वे ही होते हैं और संघर्ष में उन्हें हानि पहुंचने की सबसे अधिक संभावना है।’


मलाला ने आगे कहा, “हमारे बीच जो भी मतभेद रहे हो, हमें साल दशकों से चले आ रहे विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने का प्रयास करना चाहिए”

मलाला का यह बयान तब आया है जब सोमवार को भारत सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया है, जिससे कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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