दुबई, 22 नवंबर (आईएएनएस)| भारतीय मूल की कनाडा वासी चर्म रोग चिकित्सक को फर्जी डिग्री बनाने व नकली डिप्लोमा व दूसरे दस्तावेजों का इस्तेमाल दुबई में चिकित्सा पेशे के लिए करने का दोषी पाया गया है। महिला की छह महीने की जेल की सजा के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया गया है।
खलीज टाइम्स की बुधवार की रात की रिपोर्ट के मुताबिक, लोक अभियोजन के रिकॉर्ड से पता चलता है कि 38 साल की महिला ने अपने आवेदन में गलत सूचना देकर चर्मरोग विशेषज्ञ के रूप में कार्य करने का लाइसेंस बनवाने में सफल रही।
महिला ने प्रैक्टिस की इजाजत के लिए आवेदन में सामान्य चिकित्सा डिग्री व डिप्लोमा में विशेषज्ञता की फर्जी डिग्री का इस्तेमाल किया।
रिकॉर्ड के अनुसार, अभियुक्त ने डाटा व सूचना की पुष्टि करने वाली विशेषज्ञ कंपनी को भी अपने दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया को जल्द करने की धमकी दी थी।
महिला ने कंपनी से कहा था कि अगर परिणाम सकारात्मक नहीं रहा तो कंपनी बंद हो जाएगी।
निचली अदालत पहले ही महिला को गलत तरीके से लाइसेंस हासिल करने व चिकित्सा प्रैक्टिस करने को लेकर दोषी करार दे चुकी है।
अदालत ने महिला को छह महीने जेल व उसके बाद निर्वासन का आदेश दिया है।
महिला को 2,00,000 दिरहम जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है।