World Refugee Day 2019 : दुनियाभर में 7 करोड़ लोग विस्थापन के शिकार- UNHCR

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जेनेवा | हिंसा, उत्पीड़न और युद्ध के कारण दुनियाभर में विस्थापन का शिकार बने लोगों की तादाद 2018 में बढ़कर सात करोड़ हो गई। विस्थापितों की यह तादाद संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के करीब 70 सालों के ऑपरेशन में सबसे ज्यादा है।

यूएनएनसीआर (यूनाइटेड नेशंस हाईकमीशनर फॉर रिफ्यूजी) की ओर से बुधवार को जारी सालाना ग्लोबल ट्रेंड्स रिपोर्ट में बताया गया है कि 7.08 करोड़ लोगों को जबरन विस्थापित होना पड़ा। यह संख्या 20 साल पहले रिकॉर्ड किए गए स्तर की दोगुनी है।


सरकार से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, करीब 40 लाख वेनेजुएलावासी अपने देश से पलायन कर चुके हैं, जोकि हाल के दिनों में दुनिया का सबसे बड़ा विस्थापन का संकट बन गया है। हालांकि अधिकांश लोगों को अब तक अंतर्राष्ट्रीय शरणार्थी सुरक्षा की जरूरत है, लेकिन करीब पांच लाख लोगों ने ही औपचारिक तौर पर आश्रय के लिए आवेदन किया है।

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त फिलिपो ग्रैंडी ने कहा, “इन आंकड़ों से जो दिख रहा है उससे इस बात की पुष्टि होती है कि युद्ध, संघर्ष और उत्पीड़न से सुरक्षा की मांग करने वालों की संख्या में दीर्घकालिक वृद्धि की प्रवृत्ति है।”

ग्लोबल ट्रेंड्स की रिपोर्ट में 7.08 करोड़ के आंकड़े में तीन प्रमुख समूह हैं। पहला समूह संघर्ष, युद्ध या उत्पीड़न के कारण अपने देश से पलायन करने वाले शरणार्थियों का है। वर्ष 2018 में दुनियाभर में 2.59 करोड़ शरणार्थी पहुंचे जोकि 2017 से 5,00,000 ज्यादा हैं। इनमें 55 लाख फिलिस्तीनी शरणार्थी भी शामिल हैं।


दूसरे समूह में आश्रय चाहने वाले 35 लाख लोग हैं। ये लोग अपने मूल देश से बाहर हैं और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा में हैं, लेकिन इन्हें अभी तक शरणार्थी का दर्जा नहीं मिला है।

तीसरे समूह में आंतरिक रूप से विस्थापन का शिकार बने लोग हैं। ये लोग अपने ही देश में विस्थापन के शिकार हैं। दुनियाभर में इनकी तादाद 4.13 करोड़ है।


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(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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