लॉकडाउन के 30 दिन: हार्ट अटैक, सड़क दुर्घटना और सुसाइड से होने वाली मौतों में दर्ज की गई गिरावट

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कोरोना महामारी के चलते पिछले महीने 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। आज लॉकडाउन को पूरा एक महीना हो चुका है। ये लॉकडाउन कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लगाया है ताकि इस बिमारी से लोगों को संक्रमति होने से बचाया जा सके। हालांकि इसके कारण सामान्य तौर पर होने वाली मौतें में कुछ कमी तो आई हैं लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स इस आंकड़ों को नकारती हैं।

मीडिया में विशेषज्ञों के हवाले से कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस से देशभर में अबतक 681 लोगों की मोत हो चुकी है। हालांकि 25 मार्च से जारी लॉकडाउन के चलते अन्य वजहों से होने वाली मौतों में लगभग 9 फीसदी की गिरावट देखने को मिली हैं। सामान्य तौर पर देश में हर दिन आत्महत्याओं, सड़क दुर्घटना, आपराधिक घटनाओं, वायु प्रदुषण, हार्ट अटैक, कैंसर टीबी, निमोनिया, ब्रेन स्ट्रोक सहीत कई गंभीर बीमारियों से मात्रा में लोगों की मौतें होती हैं। लॉकडाउन के चलते इन प्रकार की मौतों में कमी आई है।


मीडिया सर्वे के मुताबिक, दिल्ली के सबसे बड़े श्मशान घाट निगम बोध के मुख्य प्रबंधक सुमन कुमार गुप्ता का कहना है कि औसतन एक महीने में उनके यहां 2 हजार अंतिम संस्कार किए जाते हैं लेकिन मार्च से लेकर अब तक इनमें करीब 50 से 60 फीसदी तक कमी आई है।

वहीं, राजधानी के सबसे बड़े दिल्ली गेट कब्रिस्तान के अनुसार एक दिन में औसतन करीब 20 लोगों को सुपुर्द ए खाक किया जाता है लेकिन अब यह आंकड़ा घटकर औसतन 4 से पांच पर पहुंच गया है।

सेव लाइफ फाउंडेशन के अनुसार, देश में हर दिन औसतन 415 लोगों की मौत होती है। साल में करीब डेढ़ लाख से अधिक लोगों की मौत होती है। सड़क हादसों में काफी हद तक गिरावट आई है। हालांकि, लॉकडाउन होने के बावजूद 56 सड़क हादसे अब तक दर्ज किए गए हैं।


एम्स अस्पताल के डॉक्टर राकेश यादव ने बताया है कि हार्ट अटैक में कमी देखने को मिली है। पहले रोज 30 मरीज आते थे अब 10-15 के आप पास आ रहे हैं। वहीं, जीबी पंत अस्पताल में भी ये आंकड़ा 12-15 से घटकर दो- तीन पर आ गया है। इसी तरह अन्य प्रकार की मौतें जैसे आग की घटनाएं, हत्याओं में कमी आई है।

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