एएमयू के छात्रों ने की सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों की फिर से जांच की मांग

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If student do not have resources then AMU will be able to take the exam over the phone

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्रों ने राज्य की पुलिस से मांग की है कि 15 दिसंबर को नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शन और हिंसा की फिर से जांच करें और ‘निर्दोष’ लोगों पर लगे मामलों को खत्म करें।

विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अब्दुल हामिद के नेतृत्व में छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को आगरा के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) अजय आनंद को ज्ञापन सौंपा। एडीजी आनंद ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे उनकी मांगों पर गौर करेंगे।


ज्ञापन में कहा गया, “घटना के बाद पुलिस द्वारा मोटरसाइकिलों की बरामदगी के आधार पर छात्रों के खिलाफ मामले दर्ज नहीं करना चाहिए क्योंकि उनमें से कई निर्दोष हैं। लिहाजा मामले की फिर से जांच करने के बाद ही आरोप लगाए जाने चाहिए।”

साथ ही कहा गया है कि जिन छात्रों का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, उन्हें ‘राजनीति से प्रेरित’ इस घटना के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए।

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि छात्रों के खिलाफ पुलिस बल का उपयोग करने को लेकर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।


बता दें कि पिछले साल 15 दिसंबर को एएमयू छात्रों द्वारा सीएए के विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा में अलीगढ़ रेंज के तत्कालीन डीआईजी प्रीतिंदर सिंह, सुरक्षा गार्ड, एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी और छात्रों समेत 70 लोग घायल हो गए थे।

जिला पुलिस ने मामले में दो प्राथमिकी दर्ज कर एएमयू के 7 छात्रों सहित 26 लोगों को गिरफ्तार किया था।

बाद में उन्हें सशर्त जमानत पर रिहा कर दिया गया था। वहीं रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) ने भी मामले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत 1,000 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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