ईयू प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का समर्थन किया (लीड-2)

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श्रीनगर, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)| यूरोपीय सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू एवं कश्मीर का अपना दो दिवसीय दौरा बुधवार को समाप्त करने के बाद यहां कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन करते हैं, क्योंकि यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर में आतंक को खत्म करने और शांति बहाल करने के लिए भारत के प्रयासों का समर्थन किया।

श्रीनगर में अपने दौरे के समापन पर मीडिया से बातचीत में प्रतिनिधिमंडल ने कहा, “हम अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल पूरी तरह से राज्य में आतंक को खत्म करने और शांति बहाल करने के लिए भारत के प्रयासों का समर्थन करते हैं।”


होटल ललित पैलेस में यहां कुछ मीडियाकर्मियों से बातचीत में ईयू सांसदों ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे तनाव के सवाल के जवाब में कहा, “लड़ाई करने बदले उन्हें बातचीत करनी चाहिए।”

फ्रांस की हेनरी मालोज ने यह कहते हुए हैरानी जताई कि प्रतिनिधियों को ‘इस्लामोफोबिक्स’, ‘फासीवादी’ और ‘नस्लवादी’ के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।

उन्होंने कश्मीर जाकर वहां की स्थिति को अपनी आंखों से देखने की इजाजत देने के लिए भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया।


प्रतिनिधियों ने मंगलवार को कुलगाम में आतंकवादियों द्वारा पांच निर्दोष लोगों की हत्याओं पर दुख और खेद प्रकट किया।

भारत के रुख का समर्थन करते हुए, प्रतिनिधिमंडल ने यह माना कि कश्मीर में समस्या आतंकवाद से जुड़ी है।

अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने और जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद पहली बार किसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल ने घाटी का दौरा किया।

प्रतिनिधिमंडल में ब्रिटेन, ब्रसेल्स, फ्रांस, इटली, जर्मनी, स्पेन, स्वीडन, डेनमार्क, फिनलैंड, ऑस्ट्रिया, ग्रीस, साइप्रस, माल्टा और अन्य ईयू सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल थे। इस प्रतिनिधिमंडल ने कश्मीर घाटी का दौरा किया और सेना, प्रशासन, नागरिक समाज, कारोबारियों, वकीलों, कलाकारों, टूर एवं ट्रैवेल ऑपरेटरों और कुछ राजनीतिज्ञों से बातचीत की।

प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को श्रीनगर पहुंचने के तत्काल बाद सेना की 15 कॉर्प्स के बदामी बाग कैंटोनमेंट स्थित मुख्यालय का दौरा किया। 15 कॉर्प्स के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल के.जे.एस. ढिल्लों ने प्रतिनिधिमंडल को दो घंटे तक ब्रीफ किया।

प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने कहा, “कश्मीर में आतंकवाद केवल भारत की समस्या नहीं है। मुझे लगता है कि यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भी समस्या है। हम सर्वश्रेष्ठ समाधान खोजने के लिए भारत का समर्थन करते हैं।”

स्थानीय लोगों से बातचीत के सवाल पर ईयू के सांसदों ने कहा, “स्थानीय लोगों ने हमसे कहा कि वे भारतीय नागरिक हैं और वे सभी भारतीय नागरिकों की तरह भारतीय रहना चाहते हैं। वे देश के अन्य क्षेत्रों की तरह यहां भी विकास चाहते हैं।”

ईयू के सांसदों ने इस दौरान कहा, “हम भारतीय राजनीति में हस्तक्षेप करने के लिए यहां नहीं आए हैं।”

सांसदों ने कहा कि जो लोग इस बात को लेकर आलोचना कर रहे हैं, उन्हें संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस तरह के प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य सूचना और तथ्य एकत्र करना होता है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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