पश्चिमी अफ्रीका के आठ देशों ने अपनी साझा मुद्रा (करेंसी) का नाम बदलकर ‘इको’ करने का फैसला किया है। वर्तमान में प्रचलित मुद्रा सीएफए फ्रैंक का फ्रांसीसी उपनिवेश काल से जुड़ाव खत्म करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है। बेनिन, बुर्किना फासो, गिनी-बिसाउ, आईवरी कोस्ट, माली, नाईजर, सेनेगल और टोगो वर्तमान में इस मुद्रा का उपयोग करते रहे हैं। गिनी-बिसाउ को छोड़कर ये सभी देश फ्रांस के उपनिवेश रह चुके हैं। सीएफए फ्रैंक शुरुआत में फ्रांस की मुद्रा फ्रैंक से जुड़ी हुई थी। बाद में करीब दो दशक पहले इसे यूरो से जोड़ दिया गया था।
यह घोषणा फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की आइवरी कोस्ट की यात्रा के दौरान शनिवार को की गयी। आइवरी कोस्ट के राष्ट्रपति एलास्साने ओउत्तारा ने देश की आर्थिक राजधानी आबिदजान में तीन बड़े बदलावों की घोषणा की। इनमें मुद्रा का नाम बदलना, फ्रांस के खजाने में 50 प्रतिशत से अधिक मुद्रा भंडार रखना तथा मुद्रा के संबंध में किसी भी तरह से फ्रांस का हस्तक्षेप रोकना शामिल रहा। मैक्रों ने इसे ऐतिहासिक सुधार बताते हुए कहा कि इको की शुरुआत 2020 में होगी। फ्रांस के एक सूत्र ने बताया कि समझौता छह महीने में पूरा हुआ।