औरंगाबाद लोकसभा सीट: बिहार का चितौड़गढ़ कहे जाने वाले इस सीट पर महागठबंधन बिगाड़ेगा भाजपा का खेल?

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औरंगाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, बिहार: वर्तमान सांसद, उम्मीदवार, मतदान तिथि और चुनाव परिणाम

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 11 अप्रैल को पूरे देशभर की अलग-अलग सीटों पर वोट डाले गए। बिहार में भी पहले चरण की 4 सीटों पर मतदान हुए। इन्हीं सीटों में से एक औरंंगाबाद सीट पर भी मतदान सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ और मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

बिहार के प्रथम चरण के चुनाव के दौरान 53 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। औरंगाबाद में 49.85 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत दिए।


बिहार में लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने 10 मार्च को पूरे देश में लोकसभा चुनाव तारीखों की घोषणा की थी। 11 अप्रैल को पहले चरण के लिए वोट डाले गए। लोकसभा चुनाव का अंतिम चरण 19 मई को होगा। चुनाव के नतीजे 23 मई को घोषित किए जाएंगे।

बिहार में कुल 40 लोकसभा क्षेत्र हैं। इनमें से चार निर्वाचन क्षेत्रों (औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुई) में चुनाव पहले चरण में ही समाप्त हो गए।

औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में चुनाव 11 अप्रैल को आम चुनाव 2019 के पहले चरण में समाप्त हुआ। यहां पर 49.85 फीसदी मतदान हुआ।


बिहार-झारखंड की सीमा पर स्थित औरंगाबाद को मिनी चित्‍तौड़गढ़ कहा जाता है। यह सीट हमेशा सुर्खियों में रही है। अदरी नदी के तट पर स्थित इस शहर को पहले नौरंगा कहा जाता था। बाद में इसका नाम औरंगाबाद हो गया। 26 जनवरी 1973 को मगध प्रमंडल के गया जिले से अलग होकर औरंगाबाद स्‍वतंत्र जिला बना। जीटी रोड एवं औरंगाबाद-पटना रोड जिले की लाइफलाइन मानी जाती हैं।

औरंगाबाद जिले में दो अनुमंडल-औरंगाबाद सदर एवं दाउदनगर है। इस जिले में 11 प्रखंड हैं। औरंगाबाद लोकसभा सीट के तहत कुटुंबा,रफीगंज, इमामगंज, गुरुआ, टिकारी विधानसभा सीटें आती हैं। औरंगाबाद जिला नक्सल प्रभावित है। यहां कुल मतदाताओं की संख्‍या 13,76,323,जिले की कुल जनसंख्या 25,40,073 और साक्षरता दर 70.32 प्रतिशत है।  यहां की 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। हालांकि यहां सिंचाई की उचित व्‍यवस्‍था नहीं हो सकी है।

औरंगाबाद की सियासत में कांग्रेस का दबदबा रहा है। यहां की राजनीति बिहार विभूति अनुग्रह नारायण सिंह के परिवार के इर्द-गिर्द घूमती रही है। यहां के पहले सांसद सत्येंद्र नारायण सिंह थे। कांग्रेस पार्टी यहां से नौ बार विजयी रही है। पहली बार 1989 में सत्येंद्र नारायण सिन्हा के परिवार को हार का सामना करना पड़ा था, तब रामनरेश सिंह ने जनता दल के टिकट पर जीत दर्ज की थी। 2014 में इस सीट पर पहली बार भाजपा का खाता खुला और सुशील कुमार सिंह सांसद बने।

सुशील कुमार सिंह ने औरंगाबाद से 66 हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार निखिल कुमार को हराया था। निखिल कुमार के 2,41,594 वोटों की तुलना में सुशील कुमार सिंह को 3,07,941 वोट मिले। जबकि जदयू उम्मीदवार बागी कुमार वर्मा ने 136137 वोट हासिल किए।

निवर्तमान सांसद: सुशील कुमार सिंह, भाजपा

2014 में जीत का अंतर: 66,347

2014 में मतदाताओं की संख्या: 786,274

2014 में हुए मतदान का प्रतिशत: 51.19%

2014 में मतदान केंद्रों की संख्या: 1,760

महिला मतदाताओं की संख्या: 710,579

2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के सुशील कुमार सिंह के खिलाफ महागठबंधन खेमे से HAM (सेक्युलर) के उम्मीदवार उपेंद्र प्रसाद होंगे। बीजेपी सांसद के सामने अपनी सीट बरकरार रखने की चुनौती होगी।

2019 लोकसभा चुनाव में प्रमुख उम्मीदवार:

  • सुशील कुमार सिंह (बीजेपी)
  • उपेंद्र प्रसाद सिंह (HAM/महागठबंधन)

पहले चरण के चुनाव लिए महत्वपूर्ण तिथियां

अधिसूचना  जारी 18 मार्च
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 मार्च
नामांकन पत्र की जांच 26 मार्च
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 28 मार्च
मतदान की तारीख 11 अप्रैल
मतगणना की तारीख 23 मई

पहले चरण के लोकसभा चुनावों के साथ, इस चरण में आंध्र प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और ओडिशा में विधानसभा चुनाव 2019 के लिए भी मतदान होगा।


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