उत्तर प्रदेश का बरेली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एकबार फिर से नया सांसद चुनने को तैयार है। राज्य की राजनीति में बरेली लोकसभा सीट की राजनीतिक अहमियत काफी है। पिछले तीन दशक से इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का एकछत्र राज रहा है। संतोष कुमार गंगवार कई बार इस सीट पर चुनाव जीत चुके हैं और मोदी सरकार में मंत्री भी रहे। एक बार फिर संतोष कुमार गंगवार इस सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उनके सामने कांग्रेस के प्रवीण सिंह तथा समाजवादी पार्टी के भगवत शरण गंगवार चुनाव मैदान में हैं। 5 निर्दलीय उम्मीदवारों के अलावा 8 अन्य दलों के उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। बरेली से कुल 16 उम्मीदवार मैदान में हैं।
बरेली लोकसभा सीट का इतिहास
हिंदी सिनेमा के कई गानों में बरेली शहर का नाम आने से मशहूर हुए इस शहर का राजनीतिक तानाबाना दिलचस्प रहा है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में बरेली लोकसभा सीट की राजनीतिक अहमियत काफी है।
पहली बार यहां चुनाव 1952 में हुए। 1952 और 1957 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की लेकिन 1962 और 1967 के चुनाव में जनसंघ ने कांग्रेस को करारी शिकस्त देते हुए इस सीट पर कब्जा किया। 1971 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर इस सीट पर वापसी की। 1977 में बीएलडी के राममूर्ति ने यहां जीत हासिल की। 1980 में जेएनपी के नासिर ने जीत दर्ज की। वहीं 1984 के कांग्रेस लहर मे पूर्व राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद की पत्नी बेगम आबिदा इस सीट से सांसद बनीं।
लेकिन इसके बाद इस सीट की तस्वीर बदल गई। 1989 के चुनाव में बीजेपी की ओर से संतोष कुमार गंगवार ने पहली जीत हासिल की और इसके बाद उन्होंने इसे अपना गढ़ बना लिया। 1989 से लेकर 2004 तक लगातार 6 बार उन्होंने यहां से चुनाव जीता। हालांकि 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने इतिहास रच दिया और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के प्रवीण सिंह एरान ने 6 बार लगातार सांसद रहे संतोष गंगवार को हराया था। प्रवीण सिंह एरान को कुल 2,20,976 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे संतोष गंगवार को 2,11,638 वोट मिले थे। लेकिन 2014 में एक बार फिर वह बड़े अंतर से जीत कर लौटे और केंद्र में मंत्री बने।
बरेली संसदीय सीट का समीकरण
बरेली लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें मीरगंज, भोजीपुरा, नवाबगंज, बरेली और बरेली छावनी आती हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में इन सभी 5 सीटों पर भाजपा का ही कब्जा रहा था। बरेली लोकसभा सीट पर वैश्य, दलित और मुस्लिम वोटरों का वर्चस्व रहा है। 2014 लोकसभा चुनाव में 16 लाख से अधिक मतदाता थे जिसमें 9 लाख पुरुष और 7.5 लाख महिला मतदाता शामिल थे। बरेली जिले में मुस्लिम जनसंख्या की तादाद भी बड़ी संख्या में है।
2014 का लोकसभा चुनाव
2014 के चुनाव में मोदी लहर पर सवार संतोष गंगवार अपनी सीट वापस लेने में सफल रहे। बरेली लोकसभा सीट पर 2014 में हुए चुनाव में संतोष गंगवार ने कब्जा जमाया था। बरेली से लगातार 6 बार सांसद रहे गंगवार 2009 में चुनाव हार गए थे, लेकिन 2014 में उन्होंने सपा से आयशा इस्लाम को चुनाव हरा कर दुबारा जीत हासिल की। संतोष गंगवार को कुल 5,18,258 वोट मिले थे। जबकि सपा की आयशा इस्लाम को 2,77,573 वोट मिले थे। वहीं बसपा के उमेश गौतम को 1,06,049 वोट मिले थे।
निवर्तमान सांसद: संतोष गंगवार
लोकसभा चुनाव 2014
संतोष गंगवार, भाजपा – 5,18,258
आयशा इस्लाम, सपा – 2,77,573
उमेश गौतम, बसपा – 1,06,049
2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रमुख उम्मीदवार
- संतोष गंगवार, भाजपा
- भगवत शरण गंगवार, सपा(गठबंधन)
- प्रवीण सिंह, कांग्रेस
तीसरे चरण के चुनाव लिए महत्वपूर्ण तिथियां
अधिसूचना जारी | 28 मार्च |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 4 अप्रैल |
नामांकन पत्र की जांच | 5 अप्रैल |
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि | 8 अप्रैल |
मतदान की तारीख | 23 अप्रैल |
मतगणना की तारीख | 23 मई |