एटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तर प्रदेश: वर्तमान सांसद, उम्मीदवार, मतदान तिथि और चुनाव परिणाम

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एटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तर प्रदेश: वर्तमान सांसद, उम्मीदवार, मतदान तिथि और चुनाव परिणाम

उत्तर प्रदेश के चर्चित लोकसभा सीटों में एक एटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एकबार फिर से नया सांसद चुनने को तैयार है। 2014 में हुए चुनाव में यहां से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे। इस बार एटा संसदीय सीट पर 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिसमें मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राजवीर सिंह उर्फ राजू भईया और समाजवादी पार्टी के देवेंद्र सिंह यादव के बीच है। इस सीट पर कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है। कांग्रेस ने यह सीट राष्ट्रीय जन अधिकार पार्टी (आरजेएपी) के लिए छोड़ी है और आरजेएपी ने सूरज सिंह को मैदान में उतारा है। 8 कई क्षेत्रीय दलों के अलावा और 5 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

एटा लोकसभा क्षेत्र में तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान हुए।


एटा, उत्तर प्रदेश का एक शहर है। यह जिले का मुख्यालय है। एटा लोकसभा क्षेत्र संत कवि तुलसी और महान सूफी संत खुसरो की सरजमीं है। यहां के प्रमुख स्थलों में पटना पक्षी विहार, कैलाश मंदिर, काली मंदिर, हनुमान घड़ी, राम दरबार आदि हैं। इसे पृथ्वीराज चौहान के सरदार राजा संग्राम सिंह ने बसाया था। इसने एटा में एक सुदृढ़ मिट्टी का दुर्ग बनवाया था जिसके खंडहर आज भी मौजूद हैं।

एटा लोकसभा सीट का इतिहास

एटा सीट ने सांसदों को कई बार चुने जाने का मौका दिया। भाजपा सांसद महादीपक सिंह शाक्य ऐसे लोकसभा प्रतिनिधि रहे जिन्होंने निरंतर छह चुनाव जीते और एक तरह से इस सीट पर एकाधिकार सा कर लिया था। कानपुर और फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से सटे एटा में पहला चुनाव (1952) कांग्रेस ने जीता था, लेकिन उसके बाद यहां से हिंदू महासभा ने पहले 1957 फिर 1962 में जीत दर्ज की। हालांकि, उसके बाद कांग्रेस ने 1967 और 1971 का आम चुनाव जीतकर जोरदार वापसी की. 1977 में चली कांग्रेस विरोधी लहर में चौधरी चरण सिंह की भारतीय लोकदल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। 1980 के चुनाव में यहां से कांग्रेस ने आखिरी बार जीत हासिल की थी।

1984 में भारतीय लोक दल के जीत दर्ज करने के बाद यह सीट भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खाते में आ गई। 1989, 1991, 1996 और 1998 में यहां भारतीय जनता पार्टी के महकदीप सिंह शाक्य ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। 1999 और 2004 एटा से लगातार दो बार समाजवादी पार्टी का परचम लहराया। 2009 के लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भारतीय जनता पार्टी से अलग हो अपनी पार्टी बनाई और चुनाव में जीत भी हासिल की। 2014 के चुनाव में कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह को टिकट मिला और उन्होंने बड़ी जीत हासिल की।


एटा संसदीय सीट का समीकरण

एटा लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं, इनमें कासगंज, अमॉपुर, पटियाली, एटा और मारहरा विधानसभा सीटें शामिल हैं। जातीय समीकरण के लिहाज से देखा जाए तो एटा संसदीय क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है। एटा क्षेत्र में लोध, यादव और शाक्य बहुल जातियां रहती हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर करीब 16 लाख मतदाता थे, जिसमें से 8.5 लाख पुरुष और 7.2 लाख महिला मतदाता हैं।

2014 का लोकसभा चुनाव

2014 में देश में चली मोदी लहर का फायदा एटा में भी मिला और भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी को सीधे तौर पर करारी मात दी। एटा में हुए 58 फीसदी मतदान में बीजेपी के राजवीर सिंह को करीब 51 फीसदी वोट मिले तो उनके प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को सिर्फ 29 फीसदी वोट मिले थे।

निवर्तमान सांसद: राजवीर सिंह

लोकसभा चुनाव 2014

राजवीर सिंह, भाजपा – 474,978
देवेंद्र सिंह यादव, सपा – 2,73,977
नूर मोहम्मद खान, बसपा – 1,37,127

2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रमुख उम्मीदवार

  • राजवीर सिंह उर्फ राजू भईया, भाजपा
  • देवेंद्र सिंह यादव, समाजवादी पार्टी (गठबंधन)
  • सूरज सिंह, आरजेएपी

तीसरे चरण के चुनाव लिए महत्वपूर्ण तिथियां

अधिसूचना  जारी 28 मार्च
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 4 अप्रैल
नामांकन पत्र की जांच 5 अप्रैल
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 8 अप्रैल
मतदान की तारीख 23 अप्रैल
मतगणना की तारीख 23 मई

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