हरदोई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तर प्रदेश: वर्तमान सांसद, उम्मीदवार, मतदान तिथि और चुनाव परिणाम

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हरदोई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, उत्तर प्रदेश: वर्तमान सांसद, उम्मीदवार, मतदान तिथि और चुनाव परिणाम

उत्तर प्रदेश का हरदोई लोकसभा सीट एकबार फिर से नया ससांसद चुनने को तैयार है। 2014 के मोदी लहर में भाजपा के अंशुल वर्मा ने बसपा के शिव प्रसाद वर्मा को 80 हजार वोटों से हराया था। मगर इस बार भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद अंशुल वर्मा का टिकट काटकर जय प्रकाश रावत को मैदान में उतारा है। सपा, बसपा गठबंधन से सपा के खाते में यह सीट गई है। सपा ने इस सीट से 3 बार चुनाव जीत चुकी उषा वर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने वीरेंद्र कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है।

हरदोई लोकसभा सीट (सुरक्षित) पर इस बार 11 उम्मीदवार मैदान में हैं।


हरदोई लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 29 अप्रैल को चुनाव हो रहे हैं।

 

हरदोई लोकसभा सीट का इतिहास


आजादी के बाद से ही हरदोई संसदीय सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट रही है। पहले हरदोई फर्रूखाबाद उत्तरी संसदीय क्षेत्र के तहत आता था। 1952 के लोकसभा चुनाव में बुलाकी राम वर्मा सांसद चुने गए थे। इसके बाद 1957 में हरदोई लोकसभा सीट का गठन हुआ। 1957 में लोकसभा चुनाव में ही भारतीय जनसंघ हरदोई सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही, लेकिन 1957 में ही हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने यह सीट छीन ली और 1977 तक उसके कब्जे में रही।

देश में इमरजेंसी खत्म होने के बाद हुए आम चुनाव में 1977 में कांग्रेस के हाथों से यह सीट निकल गई, लेकिन 1980 और 1984 में फिर से उसे जीत मिल गई। हरदोई सीट से कांग्रेस 6 बार चुनाव जीतने में सफल रही, जबकि 3-3 बार बीजेपी और सपा इस सीट पर जीत का परचम लहरा चुकी है।

1989 में लोकसभा चुनाव में जनता दल के परमई लाल हरदोई से जीतकर संसद पहुंचे। इसके बाद देश में राम मंदिर आंदोलन के दौरान 1991 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा जमाया और लगातार दो बार जय प्रकाश यहां से सांसद चुने गए, लेकिन 1998 में ऊषा वर्मा ने सपा उम्मीदवार के तौर पर उतरकर भाजपा के जीत के रथ को रोक दिया।

सपा के कद्दावर नेता रहे नरेश अग्रवाल ने अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस का गठन किया तो 1999 में जय प्रकाश इसी पार्टी के उम्मीदवार बने और ऊषा वर्मा से अपनी हार का बदला लिया। इसके बाद 2004 और 2009 में ऊषा वर्मा ने सपा उम्मीदवार को तौर पर जीत दर्ज की, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में अंशुल वर्मा ने जीत हासिल कर बीजेपी के जीत के सूखे को खत्म कर दिया।

हरदोई संसदीय सीट का समीकरण

हरदोई लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें सवैजपुर, शाहाबाद, हरदोई, गोपामऊ और संदी विधानसभा सीटें शामिल हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में पांच में से चार पर भाजपा का कब्जा है और एक सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है।

2011 की जनगणना के मुताबिक हरदोई लोकसभा सीट पर कुल जनसंख्या 25,84,173 है जिसमें 85.55 फीसदी ग्रामीण और 14.45 शहरी आबादी रहती है। यहां पर अनुसूचित जाति की आबादी करीब 30.79 फीसदी है। साथ ही मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 13 फीसदी है। कुर्मी और ब्राह्मण मतदाताओं के अलावा ओबीसी की बड़ी आबादी इस क्षेत्र में हार जीत तय करने में अहम भूमिका निभाती रही है।

इस बार होने वाले चुनाव में हरदोई में कुल मतदाताओं की संख्या 17,94,142 है जिसमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 9,74,153 है जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 8,19,932 है।

2014 का लोकसभा चुनाव

2014 में भाजपा के अंशुल वर्मा को 3,60,501 वोट मिले थे। बसपा के शिव प्रसाद वर्मा दूसरे नंबर पर थे, जिन्होंने 2,79,158 वोट हासिल किया था। समाजवादी पार्टी की ऊषा वर्मा तीसरे नंबर पर थीं, जिनको 2,76, 543 वोट मिले थे। कांग्रेस के शिवकुमार को 23,298 मत मिले थे और ये चौथे नंबर पर थे।

2014 लोकसभा चुनाव में हरदोई में 17,14,387 मतदाता थे,  जिनमें से 9,39,831 पुरुष और 7,74,556 महिला मतदाता थे। 2014 के लोकसभा चुनावों में यहां पर 56.75 प्रतिशत मतदान हुआ था।

निवर्तमान सांसद: अंशुल वर्मा

लोकसभा चुनाव 2014 के नतीजे

अंशुल वर्मा, भाजपा – 3,60,501
शिव प्रसाद वर्मा, बसपा  – 2,79,158
ऊषा वर्मा, सपा – 2,76,543

शिवकुमार, कांग्रेस – 23,298

2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रमुख उम्मीदवार

  • जय प्रकाश रावत, भाजपा
  • ऊषा वर्मा, सपा (गठबंधन)
  • वीरेंद्र वर्मा, कांग्रेस

चौथे चरण के चुनाव लिए महत्वपूर्ण तिथियां

अधिसूचना  जारी 2 अप्रैल
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 9 अप्रैल
नामांकन पत्र की जांच 10 अप्रैल
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 12 अप्रैल
मतदान की तारीख 29 अप्रैल
मतगणना की तारीख 23 मई

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