जबलपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, मध्य प्रदेश: वर्तमान सांसद, उम्मीदवार, मतदान तिथि और चुनाव परिणाम

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जबलपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, मध्य प्रदेश: वर्तमान सांसद, उम्मीदवार, मतदान तिथि और चुनाव परिणाम

मध्य प्रदेश का जबलपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एक बार फिर नया सांसद चुनने को तैयार है। जबलपुर से भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को प्रत्याशी बनाया है। वहीं उनको चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने विवेक तन्खा को मैदान में उतारा है। पिछली तीन लोकसभा चुनाव में जीतते आ रहे राकेश सिंह चौथी जीत की आश लगा रहे हैं। जबलपुर बीजेपी का गढ़ बन चुका है। यहां 1996 से कोई दूसरी पार्टी जीत नहीं दर्ज कर पाई है।

2014 के लोकसभा चुनावों में जबलपुर लोकसभा सीट से भाजपा के राकेश सिंह चुनाव जीते थे, जिन्हें 5,64,609 वोट मिले थे। दूसरे नंबर  कांग्रेस के विवेक तन्खा थे। इस सीट पर बसपा के रामराज राम सहित 22 कैंडिडेट सियासी रण में है।


जबलपुर लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान होने हैं।

जबलपुर लोकसभा सीट का इतिहास

पुराणों और किंवदंतियों के अनुसार जबलपुर का पुराना नाम जबालिपुरम है। विंध्य पर्वत श्रृंखला में स्थित यह नगर पवित्र नर्मदा नदी के तट पर स्थित है। यह नगर सामरिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है, यहां तोपगाड़ी बनाने का केंद्रीय कारख़ाना, शस्त्र निर्माण कारख़ाना और एक शस्त्रागार भी है।

पहले लोकसभा चुनाव में जबलपुर में दो सीटें थीं। सन 1951 में हुए चुनाव में जबलपुर उत्तर सीट से कांग्रेस के सुशील कुमार पटेरिया जीते थे और मंडला-जबलपुर दक्षिण सीट से पहले मंगरु गुरु उइके सांसद बने। सन 1957 में जबलपुर और मंडला दो अलग-अलग संसदीय क्षेत्र बन गए।


1951 से लेकर 1974 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा। 1957-1974 तक सेठ गोविंद दास कांग्रेस से चुनाव जीतते रहे। 1974 और 1977 में शरद यादव इस सीट से सांसद रहे। यहां से जीत हासिल करके शरद यादव देश की मुख्य धारा की राजनीति में प्रवेश किए। 1980 कांग्रेस के मुंदर शर्मा इस सीट से चुनाव जीते थे। 1980 में ही हुए उपचुनाव में बाबू राव परांजपे भारतीय जनता पार्टी से सांसद रहे। 1984 तक अजय नारायण मुश्रान कांग्रेस से विजयी हुए थे। 1989 में भाजपा के बाबूराव परांजपे चुने गए। 1991 में कांग्रेस के श्रवन कुमार पटेल जीत हासिल किए थे।

1996-1998 में भाजपा के बाबूराव परांजपे इस सीट पर जीत हासिल किए। 1999 में भारतीय जनता पार्टी के जयश्री बनर्जी जीत हासिल किए थे। 2004 से 2014 तक भारतीय जनता पार्टी के राकेश सिंह चुनाव जीते थे।

जबलपुर संसदीय सीट का समीकरण

जबलपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की आठ सीटें हैं- पाटन, जबलपुर उत्तर, पनागर, बरगी, जबलपुर कैंट, सिहोरा, जबलपुर पूर्व और जबलपुर पश्चिम। इन आठ विधानसभा सीटों में से चार पर कांग्रेस और चार पर भाजपा का कब्जा है।

साल 2011 की जनगणना के मुताबिक जबलपुर की जनसंख्या 25,41,797 है। यहां की 59.74 फीसदी आबादी शहरी और 40.26 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है। जबलपुर में 14.3 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की है और 15.04 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है।

2014 का लोकसभा चुनाव                    

2014 में जबलपुर संसदीय क्षेत्र में 58.55 फीसदी मतदान हुआ था जिसमें भाजपा उम्मीदवार राकेश सिंह को 5,64,609 और कांग्रेस उम्मीदवार विवेक तनखा को 3,55,970 वोट मिले थे। अगर जबलपुर लोकसभा सीट के इतिहास को देखें तो इसकी पहचान भाजपा के गढ़ के रूप में होती है। भाजपा 1996 से इस सीट पर लगातार अपना कब्जा करती आई है।

चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 के चुनाव में यहां पर 17,11,683 मतदाता थे। इनमें से 8,13,734 महिला मतदाता और 8,97,949 पुरुष मतदाता थे।

निवर्तमान सांसद: राकेश सिंह

2014 लोकसभा चुनाव के नतीजे

राकेश सिंह (बीजेपी) – 5,64,609
विवेक तनखा (कांग्रेस) – 3,55,970

2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रमुख उम्मीदवार

  • राकेश सिंह, बीजेपी
  • विवेक तनखा, कांग्रेस
  • रामराज राम, बसपा

चौथे चरण के चुनाव लिए महत्वपूर्ण तिथियां

अधिसूचना  जारी 2 अप्रैल
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 9 अप्रैल
नामांकन पत्र की जांच 10 अप्रैल
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 12 अप्रैल
मतदान की तारीख 29 अप्रैल
मतगणना की तारीख 23 मई

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