बांका लोकसभा सीट: त्रिकोणीय मुकाबले में पुतुल सिंह पर रहेंगी निगाहें, 2014 में 10 हजार वोटों से हार गईं थी चुनाव

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बांका लोकसभा सीट: त्रिकोणीय मुकाबले में पुतुल सिंह पर रहेंगी निगाहें, 2014 में 10 हजार वोटों से हार गईं थी चुनाव

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के तहत देश भर की 95 सीटों पर आज 18 अप्रैल को वोट डाले जा रहे हैं। इनमें बिहार की 5 सीटें भी हैं जहां मतदान हो रहे हैं। बिहार के बांका लोकसभा सीट पर भी सांसद चुनने के लिए मतदान जारी है। यहां 11 बजे तक 29.89 फीसदी मत डाले जा चुके हैं।

पूर्वी बिहार का बांका लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एक बार फिर से नया सांसद चुनने के लिए तैयार है। 2014 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के जयप्रकाश नारायण यादव ने भारतीय जनता पार्टी की पुतुल कुमारी को नजदीकी मुकाबले में हराया था। बांका में इस बार कांटे का संघर्ष है। तीन पूर्व और वर्तमान सांसद आमने-सामने हैं। महागठबंधन खेमे से यह सीट राजद के हिस्से गयी है और पार्टी ने एक बार फिर जयप्रकाश नारायण यादव पर भरोसा जताया है। एनडीए की ओर से यह सीट जेडीयू (जदयू) के खाते में गयी है। जेडीयू ने गिरिधारी यादव को टिकट दिया है। वहीं, भाजपा की बागी नेता पुतुल कुमारी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं। वैसे यहां से इस बार 20 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।


बांका लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को वोट डाले जा रहे हैं। 11 बजे तक यहां 29.89 फीसदी मतदान हो चुके हैं।

बांका को एक तरफ भगवान मधुसूदन की धरती कहा जाता है तो दूसरी तरफ अष्टावक्र की भूमि के रूप में भी जाना जाता है। बांका जिले के बौंसी प्रखंड में मंदार पर्वत अवस्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह वही मंदार पर्वत है जो देवासुर संग्राम के समय समुद्र मंथन में उपयोग किया गया था। आज भी इस पर्वत के चारों ओर बासुकी नाग की पेटी का दाग है।

बांका सीट का इतिहास

बांका लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास समृद्ध रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री चन्द्रशेखर सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह, समाजवादी नेता मधुलिमये, जार्ज फर्नांडीस सहित कई दिग्गज इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 1957 में बांका लोकसभा का गठन किया गया। इसके पूर्व भागलपुर के अधीन बांका लोकसभा आता था। पहली बार बांका का नेतृत्व महिला के हाथ में गया तथा शकुंतला देवी यहां की सांसद बनी। इतिहास गवाह है कि बांका में लगातार दो बार सांसद बनने का मौका सिर्फ शकुंतला देवी को ही मिला था। वे 1957 एवं 1962 में सांसद चुनी गई थीं। हालांकि दिग्विजय सिंह भी दो बार लगातार सांसद चुने गए लेकिन वे 1998 एवं 99 में हुए चुनाव में चुने गए थे।


वर्तमान में बांका के जदयू उम्मीदवार गिरिधारी यादव को बांका का सांसद बनने का दो बार मौका मिला था। वे 1996 एवं 2004 में एमपी चुने गए थे। इसके अलावा जयप्रकाश नारायण यादव को एक बार तथा पुतुल कुमारी को भी एक बार सांसद बनने का मौका मिला है। यहां इस बार चुनावी समीकरण थोड़ा उलझा हुआ है। अगर टक्कर अगर जदयू व राजद के बीच होगी तो निर्दलीय पुतुल कुमारी भी दोनो तरफ सेंधमारी कर सकती हैं।

बांका संसदीय क्षेत्र में कुल छह विधानसभा सीटे हैं – सुल्तानगंज, अमरपुर, धोरैया, बांका, कटोरिया और बेलहर। धोरैया विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (एससी) और कटोरिया विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए सुरक्षित है। फ़िलहाल राजग गठबंधन के खाते में 5 और एक विस क्षेत्र कटोरिया लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद के पाले में है।

जातीय समीकरण होगा निर्णायक

बांका लोकसभा में सबसे अधिक यादव जाति का मत है। करीब तीन लाख यादव वोटर हैं जिसे राजद अपना वोट बैंक मानता है। लेकिन इस बार जदयू से भी यादव प्रत्याशी होने के कारण राजद की चिंता बढ़ गई है। इसके अलावा अगड़ी जाति में राजपूत, ब्राह्मण, भूमिहार व कायस्थ मतदाता करीब साढ़े तीन लाख हैं। मुस्लिम वोटरों की संख्या भी करीब दो लाख है। इसके अलावा लगभग 30 हजार वोटर गंगोता, एक लाख कुर्मी, 80 हजार कोइरी, ढाई लाख महादलित व एक लाख के आसपास अन्य जातियों के वोटर हैं।

2014 लोकसभा चुनाव भी काफी दिलचस्प रहा था

बांका में पिछला लोकसभा चुनाव भी काफी दिलचस्प रहा था। पुतुल कुमारी भाजपा की उम्मीदवार थीं जबकि उनका सीधा मुकाबला राजद के जयप्रकाश नारायण यादव से हुआ था। पुतुल कुमारी करीब 10 हजार मतों से हार गई थीं। इस चुनाव में जदयू समर्थित वाामदल के उम्मीदवार संजय यादव तीसरे नंबर पर रहे थे। अगर प्रतिशत की बात करें, तो प्रकाश नारायण यादव को 31.71 फीसदी और पुतुल कुमारी को 30.58 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार जदयू भाजपा का गठबंधन है तथा दूसरी ओर महागठबंधन से राजद उम्मीदवार हैं। राजद व जदयू दोनों के अपने-अपने दावे हैं। ऐसे में निर्दलीय पुतुल कुमारी कहां तक जदयू व राजद के मतदाताओं के बीच पैठ बैठा सकती है यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा।

निवर्तमान सांसद: जयप्रकाश नारायण यादव

लोकसभा चुनाव 2014

जयप्रकाश नारायण यादव, राजद –  2,85,150
पुतुल कुमारी, बीजेपी – 2,75,006
संजय कुमार, सीपीआई – 2,20,708

2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रमुख उम्मीदवार

  • जयप्रकाश नारायण यादव, राजद
  • गिरिधारी यादव, जेडीयू
  • पुतुल कुमारी, निर्दलीय

दूसरे चरण के चुनाव लिए महत्वपूर्ण तिथियां

अधिसूचना  जारी 19 मार्च
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 26 मार्च
नामांकन पत्र की जांच 27 मार्च
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 29 मार्च
मतदान की तारीख 18 अप्रैल
मतगणना की तारीख 23 मई

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