उत्तर प्रदेश की वीआईपी सीटों में से एक मैनपुरी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एकबार फिर से नया सांसद चुनने को तैयार है। यूपी के कद्दावर नेताओं में शुमार मुलायम सिंह यादव एक बार फिर मैनपुरी से चुनाव लड़ रहे हैं। समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाली मैनपुरी लोकसभा सीट पर मुलायम की प्रतिष्ठा दांव पर है तो भारतीय जनता पार्टी ने प्रेम सिंह शाक्य को उम्मीदवार बनाया है। 2014 के चुनाव में 2 जगहों से जीत हासिल करने के बाद मुलायम सिंह ने मैनपुरी सीट छोड़ दी थी और उन्होंने आजमगढ़ को अपना संसदीय क्षेत्र चुना। बाद में हुए उपचुनाव में उनके पोते तेजप्रताप सिंह यादव बड़े अंतर से जीत हासिल कर लोकसभा पहुंचे।
मैनपुरी लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में 23 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे।
मैनपुरी लोकसभा सीट का इतिहास
मैनपुरी लोकसभा सीट देश में हुए पहले आम चुनाव के समय से ही चर्चा में रही है। 1952 से लेकर 1971 तक हुए देश में कुल 5 चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की तो 1977 में सत्ता विरोधी लहर में जनता पार्टी ने जीत हासिल की। लेकिन अगले ही साल 1978 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने यह सीट वापस ले ली। उसके बाद 1980 में कांग्रेस से सीट छिनी पर 1984 की लहर में फिर वापस आई।
हालांकि 1984 में कांग्रेस को यहां पर आखिरी बार जीत नसीब हुई थी, जिसके बाद से ही ये सीट क्षेत्रीय दलों के कब्जे में रही। 1989 और 1991 में यहां लगातार जनता पार्टी ने जीत दर्ज की। लेकिन 1992 में पार्टी गठन करने के बाद मुलायम सिंह यादव ने यहां से 1996 का चुनाव यहां से लड़ा और बड़े अंतर से जीता भी। उसके बाद 1998, 1999 में भी ये सीट समाजवादी पार्टी के पास ही रही।
2004 में मुलायम ने एक बार फिर इस सीट पर वापसी की, लेकिन बाद में सीट को छोड़ दिया। 2004 में धर्मेंद्र यादव यहां से उपचुनाव में जीते। हालांकि, 2009 के चुनाव में मुलायम यहां दोबारा लौटे और सीट को अपने पास ही रखा। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी मुलायम ने फिर से जीत हासिल की लेकिन बाद में यह सीट अपने पोते तेजप्रताप सिंह यादव को यह सीट दे दी।
मैनपुरी संसदीय सीट का समीकरण
मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभाएं आती हैं- मैनपुरी, भोगांव, किषनी, करहल और जसवंतनगर। बता दें कि जसवंतनगर शिवपाल यादव का विधानसभा क्षेत्र है। 2017 के विधानसभा चुनाव में इनमें से सिर्फ भोगांव ही भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थी, जबकि बाकी सभी 4 सीटें सपा के खाते में गई थी। 2014 के आम चुनाव के आंकड़ों के अनुसार मैनपुरी लोकसभा में करीब 16 लाख से अधिक वोटर हैं। जातीय समीकरण को देखें तो इस सीट पर यादव वोटरों का वर्चस्व है, यहां करीब 35 फीसदी मतदाता यादव समुदाय से हैं। जबकि करीब 2.5 लाख वोटर शाक्य हैं। यही कारण रहा है कि यहां समाजवादी पार्टी का एक छत्र राज चलता है।
2014 का लोकसभा चुनाव
2014 के चुनाव में चली मोदी लहर का इस सीट पर कोई असर देखने को नहीं मिला था और तत्कालीन समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। उनके सीट छोड़ने के बाद हुए उपचुनाव में तेजप्रताप सिंह यादव ने भी भारी अंतर से चुनाव जीता। तेजप्रताप सिंह यादव को यहां करीब 65 फीसदी वोट मिले, जबकि उनके सामने खड़े बीजेपी के उम्मीदवार को सिर्फ 33 फीसदी वोट मिले थे। 2014 उपचुनाव में यहां करीब 62 फीसदी मतदान हुआ था।
निवर्तमान सांसद: मुलायम सिंह यादव
लोकसभा चुनाव 2014
मुलायम सिंह, सपा – 6,96,918
एसएस चौहान, भाजपा – 2,31,252
संघमित्रा मौर्या, बसपा – 1,42,833
2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रमुख उम्मीदवार
- प्रेमसिंह शाक्य, भाजपा
- मुलायम सिंह यादव, समाजवादी पार्टी (गठबंधन)
तीसरे चरण के चुनाव लिए महत्वपूर्ण तिथियां
अधिसूचना जारी | 28 मार्च |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 4 अप्रैल |
नामांकन पत्र की जांच | 5 अप्रैल |
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि | 8 अप्रैल |
मतदान की तारीख | 23 अप्रैल |
मतगणना की तारीख | 23 मई |
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