पूर्णिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, बिहार: वर्तमान सांसद, उम्मीदवार, मतदान तिथि और चुनाव परिणाम

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पूर्णिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, बिहार: वर्तमान सांसद, उम्मीदवार, मतदान तिथि और चुनाव परिणाम

बिहार का पूर्णिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एक बार फिर से नया सांसद चुनने के लिए तैयार है। 2014 का चुनाव बीजेपी और जेडीयू ने अलग-अलग लड़ा था। पिछले चुनाव में पूर्णिया सीट से जेडीयू के संतोष कुमार कुशवाहा ने बीजेपी के उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को मात दी। कांग्रेस के अमरनाथ तिवारी तीसरे स्थान पर रहे। लेकिन इस बार सियासी समीकरण उलट-पुलट हो गये हैं। उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस उम्मीदवार हैं और एनडीए की ओर से जेडीयू नेता और मौजूदा सांसद संतोष कुशवाहा ताल ठोक रहे हैं।

पूर्णिया लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे।


राजधानी पटना से करीब 303 किलोमीटर दूर पूर्णिया सीमांचल का सबसे हॉट सीट है। नेपाल और बंगाल से सटे इस शहर के बीचोबीच होकर एनएच 31 गुजरता है जो कि ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का हिस्सा है। यह उत्तर भारत को असम, सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल, त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम तथा भूटान से जोड़ता है। वहीं एनएच 107 व 57 पूर्णिया को कोसी और मिथिलांचल से जोड़ता है। पूर्णिया के दक्षिण में कटिहार और भागलपुर, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में मधेपुरा और उत्तर में अररिया व किशनगंज है। इस क्षेत्र में पवित्र गंगा के अलावा कोसी, महानंदा तथा पनार नदियां बहती हैं। यहां के दो तिहाई लोग कृषि पर निर्भर हैं। पूर्णिया केले, मक्का और तंबाकू के उत्पादन में अग्रणी है। यहां मोटे रंगीन कपड़े, चटाइयां तथा जूट के सामान बनाए जाते हैं। यहां के शैक्षिक संस्थानों में प्रमुख पूर्णिया विश्वविद्यालय, मिल्लिया तकनीकी संस्थान प्रमुख हैं।

पूर्णिया लोकसभा सीट का इतिहास

फणि गोपाल सेन पूर्णिया के पहले सांसद बने। उन्होंने 1962 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। 1977 में जेपी लहर में यह सीट कांग्रेस की झोली से छिन गयी। लखनलाल कपूर यहां के गैर कांग्रेसी सांसद बने। माधुरी सिंह की जीत के साथ 1980 में यह सीट फिर कांग्रेस के झोली में चली गयी। 1989 में जनता दल के टिकट पर मो तस्लीमुद्दीन सांसद बने। 1996 में सपा की टिकट पर राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव यहां के एमपी बने। 1999 में पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव लड़कर सांसद बने। 2004 और 2009 में भाजपा से उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह सांसद बने।


बायसी से विधायक रह चुके हैं जदयू सांसद

पूर्णिया लोकसभा सीट के वर्तमान सांसद संतोष कुशवाहा हैं। वे बायसी से भाजपा से विधायक रह चुके हैं। 2014 में जदयू के टिकट पर वे चुनाव जीते थे। पिछले चुनाव में जदयू व भाजपा अलग-अलग लड़े थे। उन्होंने भाजपा सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को 1,16,669 वोटों से पराजित किया। संतोष कुशवाहा को 4,18,826 वोट मिले।

पूर्णिया संसदीय सीट का समीकरण

पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं- कस्बा, बनमखनी, रुपौली, धमदाहा, पूर्णिया और कोरहा। इन 6 सीटों में 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान 2-2 सीटें बीजेपी-जेडीयू और कांग्रेस ने जीती थीं। पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में वोटरों की कुल तादाद 1,305,396 है। इनमें से 688,182 पुरुष मतदाता जबकि 617,214 महिला मतदाता हैं।

पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र का सामाजिक समीकरण

पूर्णिया लोकसभा सीट में 60 फीसदी हिन्दू व 40 फीसदी मुस्लिम वोट हैं। हिन्दुओं में पांच लाख एससी-एसटी, बीसी व ओबीसी मतदाता हैं। यादव वोटर डेढ़ लाख, ब्राह्मण वोटर सवा लाख व राजपूत मतदाताओं की संख्या सवा लाख से अधिक है। इसके अलावा एक लाख अन्य जातियों के वोटर हैं। कसबा, कोढ़ा व बनमनखी में मुस्लिम वोटर अधिक हैं। बनमनखी में यादव सर्वाधिक हैं। ब्राह्मण व राजपूत मतदाता धमदाहा, रुपौली व पूर्णिया में हैं। एससी-एसटी, बीसी व ओबीसी वोटर बनमनखी व कोढ़ा में अधिक हैं।

मुस्लिम व यादव वोटों पर नजर

इस सीट पर ‘माय’ फैक्टर चल सकता है। मुस्लिम और यादव वोट गोलबंद हो सकते हैं। हालांकि, एससी-एसटी व बीसी व ओबीसी वोटर भी काफी हैं, जिनकी इस चुनाव में अहम भूमिका होगी। ब्राह्मण व राजपूत वोटरों की भूमिका भी निर्णायक रहेगी। दस लाख युवा वोटरों की भी अहम भूमिका होगी। हालांकि एनडीए पुरानी व महागठबंधन नई शक्ल के साथ सामने है। जाहिर है, नए समीकरण के तहत कैंडिडेट जनता के बीच वोट मांगने जाएंगे।

निवर्तमान सांसद: संतोष कुशवाहा

लोकसभा चुनाव 2014

संतोष कुशवाहा, जदयू –  4,18,826
उदय सिंह, भाजपा – 3,02,157
अमरनाथ तिवारी,  कांग्रेस – 1,24,344

2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रमुख उम्मीदवार

  • संतोष कुशवाहा, जदयू
  • उदय सिंह,कांग्रेस

दूसरे चरण के चुनाव लिए महत्वपूर्ण तिथियां

अधिसूचना  जारी 19 मार्च
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 26 मार्च
नामांकन पत्र की जांच 27 मार्च
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 29 मार्च
मतदान की तारीख 18 अप्रैल
मतगणना की तारीख 23 मई

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