उत्तर प्रदेश का राय बरेली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एकबार फिर से नया सांसद चुनने को तैयार है। 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीजेपी के अजय अग्रवाल को भारी मतों से पराजित किया था। बसपा उम्मीदवार प्रवेश सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे। इस बार कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी ही चुनावी मैदान में हैं। उनके सामने बीजेपी ने दिनेश प्रसाद सिंह को उतारा है। सपा-बसपा गठबंधन ने सोनिया गांधी के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है।
राय बरेली लोकसभा सीट पर पांचवें चरण में 6 मई को चुनाव हुए। मतदान प्रतिशत 53.60% रहा।
लखनऊ डिवीजन के तहत आने वाला रायबरेली, उत्तर प्रदेश राज्य का प्रमुख व्यापारिक केंद्र है। यहां पर कई प्राचीन इमारतें हैं। जिनमें क़िला, महल और कुछ सुन्दर मस्ज़िदें हैं। रायबरेली लोकसभा सीट का राजनीतिक और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ साहित्य रूप से भी काफी महत्वपूर्ण है। आजादी के आंदोलन में जलियांवाला बाग के बाद सबसे ज्यादा लोगों की एक साथ अंग्रेजों ने किसान आंदोलन में शहीद किया था। मीनाक्षी दीक्षित, महावीर प्रसाद द्विवेदी, मलिक मोहम्मद जायसी और स्वप्निल सिंह जैसी हस्तियों का ताल्लुक रायबरेली से है। यहां कई उद्योगों की स्थापना की गई है जिनमें केन्द्र सरकार की इंण्डियन टेलीफ़ोन इण्डस्ट्रीज मुख्य है। बेहता ब्रिज, इंदिरा गार्डन, डलमऊ, समसपुर बर्ड सेंचुरी यहां के प्रमख पर्यटन स्थल हैं।
राय बरेली लोकसभा सीट का इतिहास
रायबरेली सीट सिर्फ यूपी ही नहीं बल्कि देश की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीटों में से एक है। ये इलाका कांग्रेस का मजबूत दुर्ग माना जाता है। यहां से पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी ने जीत हासिल कर कांग्रेस का खाता खोला था जो यथावत जारी है। राय बरेली से महज तीन बार यहां कांग्रेस के सिवा कोई दूसरी पार्टी जीत सकी है। वो भी तब जब यहां से ‘गांधी परिवार’ के किसी सदस्य ने चुनावी नहीं लड़ा। मौजूदा समय में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और यूपीए की चेयरमैन सोनिया गांधी सांसद हैं।
रायबरेली लोकसभा सीट पर अभी तक कुल 16 बार लोकसभा आम चुनाव और दो बार लोकसभा उपचुनाव हुए हैं। इनमें से 15 बार कांग्रेस को जीत मिली है, जबकि एक बार भारतीय लोकदल और दो बार बीजेपी विजयी हुई। 1957 में पहली बार हुए चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर उतरे और जीतकर सांसद बने।
1962 की लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट दलित वर्ग के लिए आरक्षित कर दी गई। तब यहां पर कांग्रेस के बैजनाथ कुरील सांसद चुने गए थे। इसके बाद 1967 के आम चुनाव में रायबरेली लोकसभा सीट फिर से सामान्य कर दी गई। हालांकि रायबरेली सुर्खियों में तब आई जब देश की पहली महिला प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी यहां से चुनावी मैदान में उतरीं। 1967 में इंदिरा गांधी यहां से सांसद बनी। इसके बाद वो लगातार 2 बार जीती, लेकिन 1977 में भारतीय लोक दल के उम्मीदवार राज नारायण के हाथों पराजय झेलना पड़ा।
1980 में इंदिरा गांधी एक बार फिर उतरी और रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की। इसके बाद 1984 और 1989 में जवाहर लाल नेहरु के भतीजे अरुण कुमार नेहरु यहां से सासंद चुने गए। 1996 और 1998 में बीजेपी प्रत्याशी अशोक सिंह यहां कमल खिलाने में कामयाब रहे। लेकिन इसके बाद से बीजेपी को अभी तक जीत नसीब नहीं हो सकी है। 1999 में कैप्टन सतीश शर्मा यहां से सांसद बने और 2004 में सोनिया गांधी ने इसे अपनी कर्मभूमि बनाया। इसके बाद उनकी जीत का सिलसिला लगातार जारी है। 2014 के मोदी लहर में भी इस सीट पर बीजेपी को हार का मुंह देखने को मिला। दिलचस्प बात ये है कि सपा और बसपा भी इस सीट पर अबतक अपना खाता नहीं खोल सकी है।
2014 का लोकसभा चुनाव
2014 के लोकसभा चुनाव में बतौर कांग्रेस उम्मीदवार सोनिया गांधी ने बीजेपी के अजय अग्रवाल को 3 लाख 52 हजार 713 मतों से मात देकर सांसद बनी थी।सोनिया गांधी को 5,26,434 वोट मिले थे और बीजेपी के अजय अग्रवाल को 1,73,721 वोट मिले थे। बसपा के प्रवेश सिंह को 63,633 वोट मिले थे।
निवर्तमान सांसद: सोनिया गांधी
लोकसभा चुनाव 2014 के नतीजे
सोनिया गांधी, कांग्रेस – 5,26,434
अजय अग्रवाल, बीजेपी– 1,73,721
प्रवेश सिंह, बसपा – 63,633
2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रमुख उम्मीदवार
- दिनेश प्रताप सिंह, बीजेपी/ NDA
- सोनिया गांधी, कांग्रेस
सातवें चरण के चुनाव लिए महत्वपूर्ण तिथियां
अधिसूचना जारी | 22 अप्रैल |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 29 अप्रैल |
नामांकन पत्र की जांच | 30 अप्रैल |
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि | 2 मई |
मतदान की तारीख | 19 मई |
मतगणना की तारीख | 23 मई |
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