लोकसभा चुनाव 2019: क्या राष्ट्रीय लोक दल अपने वजूद को बचा पाएगा?

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क्या राष्ट्रीय लोक दल अपने वजूद को बचा पाएगा?

2019 चुनाव में सपा+बसपा से गठबन्धन के तहत रालोद तीन लोक सभा- बागपत, मुज़फ्फरनगर एवं मथुरा लोक सभा में चुनाव लड़ रही हैं. इसमें से दो लोक सभा- बागपत लोक सभा एवं मुज़फ्फरनगर लोक सभा में पहले चरण में चुनाव हैं, जहां से जयंत चौधरी एवं इनके पिता अजीत चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं.

बागपत लोक सभा में रालोद की स्थिति मजबूत


मुस्लिम, जाट, जाटव, ब्राह्मण, गुर्जर एवं अन्य जातियां बागपत लोकसभा में रालोद के जयन्त चौधरी एवं भाजपा के सत्यपाल सिंह के मध्य कांटे के मुकाबले में रालोद की स्थिति मजबूत प्रतीत हो रही हैं. सपा+बसपा गठबंधन के पश्चात रालोद की स्थिति मजबूत हुई हैं. मतदाताओं के मध्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व का असर हैं एवं भाजपा को इसका लाभ भी मिल रहा हैं. पर विपक्ष रोजगार एवं किसान के मुद्दों पर भाजपा को घेर रही हैं एवं जातीय गोलबंदी देखने को मिल रही हैं. सपा+ बसपा के परंपरागत मतों एवं बहुतायत जाट मतों के रालोद की ओर होने से रालोद का पलड़ा मजबूत प्रतीत हो रहा हैं.

बागपत लोक सभा सीट 1967 में आस्तित्व में आई. यहाँ से पहले चुनाव में जनसंघ ने एवं दूसरे चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. 1977 के पश्चात बागपट लोक सभा की राजनीति पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह एवं इनके पुत्र अजीत सिंह के इर्द गिर्द रही हैं. 1977 से 1984 ताल लगातार तीन मर्तबा बागपत लोक सभा से पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह ने जीत दर्ज किया था. इनके पश्चात इनके पुत्र चौधरी अजीत सिंह ने 1989, 1991, 1996, 1999, 2004 एवं 2009 में बागपत लोक सभा से जीत दर्ज किया हैं. अजीत सिंह को 1998 में भाजपा उम्मीदवार सोमपाल शास्त्री से हार का सामना करना पड़ा था.

2014 चुनाव में बागपत लोक सभा में भाजपा के टिकट पर सत्यपाल सिंह ने जीत दर्ज की थी. इन्होने सपा के गुलाम मोहम्मद 209866 मतों से हराया था. इस चुनाव में रालोद प्रमुख चौधरी अजीत सिंह 223959 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे.


ये लोक सभा बागपत, मेरठ एवं गाजियाबाद जिला की विधान सभा को लेकर बनती हैं. बागपत लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बागपत जिला की  तीन विधानसभा- छपरौली, बडौत एवं बागपत, मेरठ जिला की एक विधानसभा- सिवालखास, और गाज़ियाबाद जिला की एक विधानसभा, मोदीनगर आती हैं. वर्तमान में बागपत लोकसभा की सभी विधान सभा में भाजपा के विधायक हैं.

बागपत लोकसभा का अनुमानित जातिगत  समीकरण
जाति अनुमानित संख्या (%)
मुस्लिम 26%
जाट 23%
एस.सी 14%
ब्राह्मण 8%
गुर्जर 5%
अन्य जातियां 24%

मुज़फ्फरनगर लोक सभा में कांटे के मुकाबले में रालोद का पलड़ा भारी

इस लोक सभा में भाजपा के टिकट पर निवर्तमान सांसद संजीव बालियान लड़ रहे हैं एवं इनको टक्कर देने के लिए महागठबंधन की ओर से रालोद प्रमुख चौधरी अजीत सिंह हैं. पिछले चुनाव में नरेन्द्र मोदी जी के लहर में धुर्विकरण की राजनीति में संजीव बाल्यान भारी मतों से जीते हैं. पिछले चुनाव में इनके सामने मुख्य प्रतिद्वंदी के रूप में बसपा के कादिर राणा थे. इस चुनाव में दंगे का असर था एवं भाजपा उम्मीदवार संजीव बालियान को सीधा लाभ मिला था. पर इस चुनाव में राजनीति समीकरण पूरी तरह बदल गयी हैं एवं इस बार भाजपा के संजीव बाल्यान को सामना जाटों के मजबूत नेता के रूप में जाने वाले चौधरी अजीत सिंह से हैं. रालोद मुखिया चौधरी अजीत सिंह चुनावी रणनीति के तहत अपनी सीट बागपत अपने पुत्र को देकर खुद  मुज़फ्फरनगर लोक सभा से लड़ने आए हैं. ये जाट मतों को अपनी ओर करते हुए सपा+ बसपा समर्थित मतों के साथ जीत दर्ज करने की रणनीति के साथ लड़ रहे हैं एवं इसमें सफल भी दिख रहे हैं. अगर यहीं रुझान बरक़रार रहती हैं एवं बहुतातत जाट मत चौधरी अजीत सिंह को मिलता हैं, तो रालोद की जीतने की सम्भावना हैं. हालांकि एक दिलचस्प आंकड़ा हैं कि रालोद के मुखिया चौधरी अजित सिंह अभी तक जिस चुनाव में भी हारे हैं, हमेशा ‘स’ नाम वालों से ही हारे हैं. 1998 में बागपत लोक सभा में भाजपा के सोमपाल शास्त्री से हारे थे एवं 2014 में बागपत में सत्यपाल सिंह से हारे थे. इस बार भी उनके सामने ‘स’ नाम का ही प्रत्याशी हैं.

मुज़फ्फरनगर लोक सभा सीट पहले चुनाव से ही आस्तित्व में हैं. पहले तीन लोक सभा चुनाव में मुज़फ्फरनगर लोक सभा में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद दो लोक सभा चुनाव- 1967 एवं 1971 में मुज़फ्फरनगर लोक सभा में सी.पी.आई ने जीत दर्ज की थी. इमरजेंसी के पश्चात 1977 में हुए चुनाव में भारतीय लोक दल ने जीत दर्ज की थी. 1980 में मुज़फ्फरनगर लोक सभा में जनता दल (सेक्युलर) ने जीत दर्ज की थी. इंदिरा गांधी के मृत्यु के पश्चात हुए चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. 1989 में मुज़फ्फरनगर लोक सभा में जनता दल ने जीत दर्ज की थी. राम मंदिर राजनीति के दौर में 1991, 1996 एवं 1998 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी. 1999 में मुज़फ्फरनगर लोक सभा में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. 2004 एवं 2009 में मुज़फ्फरनगर लोक सभा में क्रमशः सपा एवं बसपा ने जीत दर्ज की थी. 2014 में नरेन्द्र मोदी के लहर एवं दंगे के असर में हुए चुनाव में भाजपा के संजीव बालियान ने बसपा के तत्कालीन सांसद कादिर राणा को 401150 मतों से हराया था.

ये लोक सभा मुज़फ्फरनगर एवं मेरठ जिला की विधान सभा को लेकर बनती हैं. मुज़फ्फरनगर लोकसभा के अन्दर मुज़फ्फरनगर जिला की चार विधानसभा- बुढ़ाना, चरथावल, मुज़फ्फरनगर एवं खतौली और मेरठ जिला की एक विधानसभा- सरधाना आती हैं. मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सभी पांच विधानसभा सीटों पर 2017 के चुनावों में भाजपा ने जीत दर्ज की थी.

बागपत लोकसभा का अनुमानित जातिगत  समीकरण
जाति अनुमानित संख्या (%)
मुस्लिम 36%
जाट 18%
एस.सी 15%
राजपूत 6%
ब्राह्मण     4%
अन्य जातियां 21%

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Shashi Singh  @gis_research

लेखक राजनीतिक विश्लेषक हैं।