बिहार का सीतामढ़ी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एक बार फिर से नया सांसद चुनने को तैयार है। 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए खेमे से रालोसपा के रामकुमार शर्मा ने राजद उम्मीदवार सीताराम यादव को शिकस्त दी थी। तीसरे स्थान पर जदयू के प्रत्याशी अर्जुन राय रहे। 2014 में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी बीजेपी के साथ थी। 2019 में आरएलएसपी आरजेडी-कांग्रेस के साथ महागठबंधन में शामिल हो गई। इस बार सीट शेयरिंग में सीतामढ़ी सीट जदयू के खाते में गयी है और पार्टी ने सुनील कुमार पिंटु को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, पिछली बार जदयू के टिकट पर लड़ने वाले अर्जुन राय इस बार राजद के टिकट पर महागठबंधन उम्मीदवार हैं।
सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर पांचवें चरण में 6 मई को वोट डाले जाने हैं।
लक्ष्मणा या लखनदेई नदी के तट पर बसा सीतामढ़ी मिथिलांचल का सांस्कृतिक केंद्र है। इसे रामायण काल की जनकनंदिनी सीता की जन्मस्थली माना जाता है। देवी सीता के नाम पर ही इस क्षेत्र का नाम सीतामढ़ी पड़ा। यह स्थान आज जानकी कुंड के नाम से भी जाना जाता है। इस क्षेत्र में मुस्लिम शासन आरंभ होने तक मिथिला के शासकों के कर्नाट वंश ने यहां शासन किया। यह क्षेत्र नेपाल की सीमा से जुड़ता है। जानकी कुंड, बगही मठ, ईशाननाथ मंदिर यहां के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में शामिल है। सीतामढ़ी क्षेत्र नक्सल प्रभावित है और माओवादी रेड कॉरिडोर का हिस्सा होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है।
सीतामढ़ी लोकसभा सीट का इतिहास
सीतामढ़ी, बिहार के तिरहुत प्रमंडल का एक जिला है। इस लोकसभा सीट का गठन 1957 में किया गया। इस सीट से दो बार राजद ने जीत दर्ज की है। जबकि, भारतीय लोक दल, प्रसोपा, जनता दल (यू) और रालोसपा ने एक-एक बार जीत दर्ज की है। पिछले चुनाव में एनडीए की ओर से रालोसपा के टिकट पर रामकुमार शर्मा सांसद चुने गए। उन्होंने राजद के सीताराम यादव को शिकस्त दी थी।
पहले चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (प्रसोपा) के टिकट पर आचार्य जेबी कृपलानी ने यहां से जीत दर्ज की। वर्ष 1980 के चुनाव में लोकसभा अध्यक्ष रहे बलिराम भगत ने यहां से कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी। इस सीट से कांग्रेस के नागेंद्र प्रसाद यादव की जीत की हैट्रिक का रिकॉर्ड बरकरार है। हालांकि, सर्वाधिक चार बार सांसद बनने का रिकॉर्ड जनता दल के नवल किशोर राय के नाम है। 2009 के चुनाव में जेडीयू के अर्जुन राय ने इस सीट का सियासी समीकरण अपने पक्ष में साधा और लोकसभा पहुंचे। 2014 के मोदी लहर में एनडीए के सहयोगी दल आरएलएसपी के टिकट पर राम कुमार शर्मा कुशवाहा ने यहां से जीत का परचम लहराया।
2014 का लोकसभा चुनाव
16वीं लोकसभा के लिए 2014 में हुए चुनाव में सीतामढ़ी से एनडीए के सहयोगी के रूप में रालोसपा के राम कुमार शर्मा कुशवाहा विजयी रहे थे। उन्हें 4,11,265 वोट मिले। उन्होंने राजद के सीताराम यादव को शिकस्त दी थी। सीताराम यादव को 2.63,300 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर रहे जेडीयू के अर्जुन राय। इस चुनाव में अर्जुन राय को 97,188 वोट मिले।
सीतामढ़ी संसदीय सीट का समीकरण
सीतामढ़ी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 6 विधान सभा सीटें आती हैं- रुन्नीसैदपुर, बथनाहा, परिहार, सुरसंड, बाजपट्टी, सीतामढ़ी। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इनमें से तीन सीटों पर राजद, दो सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और एक सीट जनता दल यूनाइटेड ने कब्ज़ा जमाया। 2014 के आंकड़ों के मुताबिक सीतामढ़ी में कुल 15,74,914 मतदाता है, जिसमें 8,32,370 पुरुष और 7,42,544 महिला मतदाता हैं।
सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर मुस्लिम, यादव और सवर्णों का अच्छा खासा जनाधार है। सबसे अधिक यादव मतदाता हैं। यादव मतदाताओं की संख्या 19 प्रतिशत है। मुस्लिम और सवर्ण 17-17 प्रतिशत हैं। वैश्य का वोट 15 प्रतिशत है। यादव और मुसलमान जिस पार्टी को एक साथ मिलकर वोट देते हैं। उसी दल के प्रत्याशी को जीत मिलती है।
निवर्तमान सांसद: रामकुमार शर्मा
लोकसभा चुनाव 2014
रामकुमार शर्मा, रालोसपा – 4,11,265
सीताराम यादव, राजद – 2,63,300
अर्जुन राय, जेडीयू – 97,188
2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रमुख उम्मीदवार
- सुनील कुमार पिंटु, जेडीयू/एनडीए
- अर्जुन राय, राष्ट्रीय जनता दल/महागठबंधन
- ब्रज किशोर, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक
पांचवें चरण के चुनाव लिए महत्वपूर्ण तिथियां
अधिसूचना जारी | 10 अप्रैल |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 18 अप्रैल |
नामांकन पत्र की जांच | 20 अप्रैल |
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि | 22 अप्रैल |
मतदान की तारीख | 6 मई |
मतगणना की तारीख | 23 मई |
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