एमएसएमई के वित्तीय समाधान के लिए विशेषज्ञ समिति गठित होगी : आरबीआई

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मुंबई, 5 दिसम्बर (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के आर्थिक व वित्तीय स्थायित्व के लिए कारणों की पहचान करने और लंबी अवधि के समाधान प्रस्तावित करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने की घोषणा की। इसके अलावा आरबीआई ने कहा कि अगले वित्त वर्ष से एमएसएमई के लिए बैंकों द्वारा फ्लोटिंग ब्याज दर के लिए एक नया बाह्य बेंचमार्क बनाया जाएगा। यह क्षेत्र के विनियमन और पर्यवेक्षण को मजबूत बनाने की दिशा में एक कदम है।

चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय बैंक की पांचवीं मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए एक प्रेसवार्ता में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर बी. पी. कानूनगो ने कहा, “विशेषज्ञों की समिति का गठन इस महीने के अंत तक किया जाएगा, जबकि समिति जून 2019 तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।”


उन्होंने कहा, “मुख्य रूप से अनौपचारिक प्रकृति के कारण एमएसएमई को संरचनात्मक और चक्रीय आघातों का खतरा रहा और उसके लगातार प्रभाव मिलते रहे हैं। इसलिए एमएसएमई के प्रदर्शन को प्रभावित करने वाले आर्थिक ताकतों व अंतरण लागत को समझना जरूरी है।”

उन्होंने कहा, “एमएसएमई क्षेत्र के आर्थिक व वित्तीय स्थायित्व के लिए कारणों की पहचान करने और लंबी अवधि के समाधान प्रस्तावित करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाएगा।”

विशेषज्ञों की एक अन्य समिति की सिफारिशों के आधार पर आरबीआई ने घोषणा की है कि बैंक प्राइम लेंडिंग रेट (पीएलआर), बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (बीपीएलआर), बेस रेट और मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) जैसे, मौजूदा आंतरिक बेंचमार्क के बदले अपने फ्लोटिंग रेट वाले कर्ज के लिए बाहरी बेंचमार्क का इस्तेमाल करेंगे।


आरबीआई ने एक विज्ञप्ति में कहा, “इस दिशा में कदम उठाया गया है और यह प्रस्ताव किया गया है कि पर्सनल या रिटेल लोन (आवास, ऑटो आदि के लिए कर्ज) के निए नया फ्लोटिंग रेट और सूक्ष्म व लघु उद्यमों के लिए फ्लोटिंग रेट वाले कर्ज के लिए एक अप्रैल, 2019 से इनमें से एक बेंचमार्क का उपयोग किया जाएगा।”

आरबीआई ने कहा कि रिजर्व बैंक पॉलिसी रेपो रेट या फाइनेंशियल बेंचमार्क्‍स इंडिया लिमिटेड (एफबीआईएल) द्वारा प्रस्तुत भारत सरकार का 91 दिन का ट्रेजरी बिल की आय या एफबीआईएल द्वारा प्रस्तुत भारत सरकार के 182 दिन के ट्रेजरी बिल की आय या एफबीआईएल द्वारा प्रस्तुत किसी अन्य बेंचमार्क बाजार ब्याज दर का उपयोग किया जाएगा।

केंद्रीय बैंक ने कहा, “बेंच मार्क रेट का प्रसार- कर्ज के आरंभ में पूर्ण रूपेण बैंक की इच्छा से तय- कर्ज की पूरी अवधि तक अपरिवर्तित रहना चाहिए, बशर्ते कर्जदार की साख समीक्षा में बड़ा परिवर्तन न हो।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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