एनएसए के साथ धार्मिक नेताओं की बैठक में एनआईसी की मांग

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 नई दिल्ली, 10 नवंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने रविवार को अपने आवास पर अयोध्या फैसले के मद्देनजर शांति व सद्भाव बनाने रखने पर चर्चा के लिए सभी धर्मो के धार्मिक नेताओं की बैठक आयोजित की।

  इस बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया, लेकिन ज्यादातर धार्मिक नेताओं ने नेशनल इंटीग्रेशन काउंसिल (एनआईसी) की बहाली की मांग की, जिसकी स्थापना 1961 में हुई थी। मजलिस-ए-मुशावरत के चेयरमैन नवेद हामिद ने आईएएनएस से कहा, “मैंने नेशनल इंटीग्रेशन काउंसिल की बहाली की मांग की और कहा कि एनआईसी की बैठक साल भर में दो बार की जानी चाहिए जिससे एक दूसरे को समझा जा सके और धर्मो के भीतर विश्वास पैदा करने के उपाय में सहायता मिले।”


उन्होंने कहा कि उनकी इस मांग का बैठक में मौजूद अधिकांश लोगों ने समर्थन किया।

बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया, “सभी प्रतिभागियों ने कानून के शासन व भारत के संविधान में पूरी निष्ठा जताई। नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के सम्मान का संकल्प लिया और देश के सभी लोगों से इसका पालन करने की अपील की। इसमें जोर दिया गया कि राष्ट्रीय हित सभी दूसरे विचारों से अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने सरकार को शांति, सांप्रदायिक सद्भाव व कानून के शासन को कायम रखने में पूरा सहयोग देने की बात कही।”

स्वामी रामदेव ने भी बैठक में भाग लिया और कहा कि दोनों समुदायों को आगे बढ़ना चाहिए और देश के लोगों में विश्वास पैदा करना चाहिए, जबकि सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारूकी ने कहा कि वे आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने नहीं जा रहे हैं।


डोभाल के आवास पर रविवार को हुई अंतरधार्मिक बैठक में शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद, जमात अहले हदीस के असगर मेहंदी, जमाते इस्लामी हिंद के सलीम इंजीनियर व स्वामी चिदानंद सरस्वती भी मौजूद रहे।

इससे पहले डोभाल ने शनिवार को हिंदू धार्मिक नेताओं अवधेशानंद गिरी, स्वामी परमात्मानंद और बाबा रामदेव से मुलाकात कर अयोध्या फैसले पर चर्चा की थी। यह बैठक एक घंटे तक चली थी।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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