FaceApp समझकर ‘फर्जी ऐप’ डाउनलोड करने वाले यूज़र्स के फोन में आ रहा है खतरनाक वायरस

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सोशल मीडिया पर लोग ‘फेस ऐप’ का इस्तेमाल करके अपने बुढ़ापे की फोटो पोस्ट कर रहे हैं। 2017 में लॉन्च हुआ ये ऐप अब खूब चर्चा में आ गया है।  FaceApp को लेकर प्राइवेसी के सवालों के बाद अब इसे लेकर एक और चौकाने वाला खुलासा हुआ है। फेस ऐप की चर्चा को देखते हुए हैकर्स ने इसी की तरह ही कुछ ‘Fake Apps’ बनाई हैं। खबरों के अनुसार सिक्योरिटी फर्म Kaspersky ने यूज़र्स को चेतावनी दी है कि फेस ऐप की तरह हूबहू दिखने वाली कुछ फर्जी ऐप्स मौजूद हैं, जिससे यूज़र्स की प्राइवेसी, डेटा और सिक्योरिटी को बड़ा खतरा है।

इस संबंध में बताया गया कि इन ऐप्स को ऐसे डिज़ाइन किया गया है कि यूज़र्स इसके बहकावे में आसानी से आ सकते हैं और इसे असली ऐप समझकर डाउनलोड कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, जैसे ही यूज़र इसे किसी अनऑफिशियल सोर्स से इंस्टॉल करके डाउनलोड करता है, उसके फोन में MobiDash नाम का ऐडवेयर मॉड्युल आ जाता है, जो कि फोन में विज्ञापन दिखाने लगता है। Kaspersky के मुताबिक, सिर्फ दो दिनों में 500 लोगों ने फेक ऐप को डाउनलोड कर लिया था। फेक ऐप से जुड़ा पहला मामला 7 जुलाई को सामने आया था। हम यूज़र्स से आग्रह करते हैं कि किसी भी नुकसान से बचने के लिए अनऑफिशियल सोर्स से एप्लिकेशन डाउनलोड ना करें।


आजकल सोशल मीडिया पर तेजी से पॉपुलर हो रहे इस ऐप की सिक्योरिटी को लेकर फोर्सपॉइंट के सिक्योरिटी स्ट्रटेजिस्ट Alvin Rodrigues का कहना है कि आपका चेहरा आपका पर्सनल कॉपीराइट है। तो अगर आप फेस ऐप जैसी ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप उसे अपनी डिवाइस, फाइल्स लॉगइन करने की अनुमति दे रहे हैं। जैसे कि बहुत सारी मोबाइल कंपनियां फोन लॉक/अनलॉक करने के लिए फेशियल रिकग्निशन(Facial Recognition) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने कहा कि फेशियल पासवर्ड, आपका चेहरा ऐसी चीज़ें हैं जो कभी बदल नहीं सकती। ये पर्सनल है और पर्मानेंट भी। उनका कहना है कि क्लाउड पर अपलोड की जा रही फोटोज़ का हैक होने का खतरा बहुत ज़्यादा है।

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