किसानों का अपमान मोदी सरकार को पड़ेगा भारी : नाना पटोले

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किसानों का अपमान मोदी सरकार को पड़ेगा भारी : नाना पटोले

नई दिल्ली – देश के अन्नदाता का अपमान मोदी सरकार को भारी पड़ेगा। यह बात अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के चेयरमैन नाना पटोले ने आज यहां दिल्ली अकबर रोड़ स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए कही। पटोले ने केंद्र सरकार द्वारा अंतरिम बजट में किसानों को छह हजार वार्षिक भत्ता देने पर कड़ा रोष जाहिर करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने गत लोकसभा चुनावों से पहले किसानों की आय दुगुनी करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की बात कही थी पर इतना समय बीत जाने के बाद भी  उसे पूरा करने की बजाए सरकार हर मौके पर किसानों को अपमानित कर रही है जिसे किसी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता।

किसान कांग्रेस के चेयरमैन नाना पटोले ने कहा कि किसान को एक दिन में 17 रुपए देकर सरकार ने किसानों के घावों पर मरहम लगाने की जगह नमक छिड़कने का काम किया है। एक दिन में मात्र 17 रुपए देना बेहद अपमानजक है। इतनी पैसे में किसान का परिवार एक वक्त की चाय भी नहीं पी सकता। यही वजह है आज यहां किसान 17- 17 रुपए के चेक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लौटाने आए हैं। प्रेस वार्ता में उपस्थित किसानों ने कहा कि लाखों का सूट पहनने वाले प्रधानमंत्री एक किसान के दर्द को नहीं समझ सकते। उनको नींद से जगाने के लिए उनको ये चेक भेज रहे हैं।


किसानों की बातों का समर्थन करते हुए नाना पटोले ने कहा कि किसान उसकी फसल का निर्धारित समर्थन मूल्य नहीं मिलने की वजह से कर्ज के दलदल में फंस गया है। मोदी सरकार ने उन किसानों की कोई मदद नहीं की अलबत्ता अपने 15 चहेते उद्योगपतियों के 3 लाख करोड़ से अधिक का कर्जा माफ कर दिया। गम्भीर बात ये भी है कि राफेल विमान की खरीद में देश के किसान की गाढ़े खून पसीने की कमाई को मोदी ने अपने मित्र अनिल अम्बानी की जेब में डाल दिया। हालात ये हैं कि आज देश के विभिन्न हिस्सों में किसान को अपनी फसल के लिए यूरिया लाने के लिए नकद पैसे देने के बावजूद जद्दोजहद करनी पड़ रही है।

देश में किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं का जिक्र करते हुए नाना पटोले ने कहा कि केंद में एनडीए सरकार बनने के बाद इस दर में लगातार इजाफा हुआ है। किसानों की सुध लेने की बजाए लगातार उनकी मांगों को अनसुना किया जाता रहा है। इसी कारण विवश होकर किसान ऐसे कदम उठाने पर मजबूर हुए हैं। इस बजट में किसानों को ठोस राहत देने की बजाय 17 रुपए प्रतिदिन देने का झुनझुना थमा दिया जो एक जुमले से ज्यादा कुछ नहीं है।भूमिहीन किसानों को इस योजना से वंचित रखने और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ ना देने से सरकार की मंशा साफ जाहिर हो गई है। इसके साथ आवारा पशुओं से खेती को रहे नुकसान से बचाने के लिए किसी योजना का बजट में प्रावधान ना करने से स्पष्ट हो गया है कि केंद्र किसानों की समस्याओं को लेकर कतई गंभीर नहीं है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा की आड़ में हुई लूट को किसान भूले नहीं हैं। तीन साल में पेट्रोलियम पदार्थों में हुई भारी वृद्धि ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। उन्होंने कहा कि किसान कांग्रेस राहुल गांधी के आह्वान पर देश भर में किसानों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रही है जिसे उनकी मांगों को पूरी होने तक जारी रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि खुशहाल किसान और हिम्मती युवाओं के बिना उन्नत देश की कल्पना भी नहीं की जा सकती।


किसान कांग्रेस के चेयरमैन नाना पटोले ने कहा कि हमने हाल ही में 21 जनवरी को भी एक विस्तृत पत्र लिखकर किसानों के लिए उन द्वारा 5 साल पहले किए वायदे दिलाए थे पर उनके बावजूद उन्होंने इस अंतरिम बजट में किसानों का 17 रुपए प्रतिदिन देकर अपमान किया है।  इसी को लेकर आज सैकड़ों किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय पहुंचकर 17-17 रुपए के चेक और ड्राफ्ट सौंपने पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने विदेशी मेहमानों के साथ व्यस्त थे और उन्होंने किसानों को सुनने तक का वक्त ना देकर एक बार फिर से देश के अन्नदाताओं को बेइज्जत किया। साथ में पुलिस ने किसानों पर ज्यादती कर अलग अलग थानों में ले जाने का काम किया जिसकी हम कड़ी भर्त्सना करते हैं। सरकार जो मर्जी हथकंडे अपना ले पर हम दबने वाले नहीं हैं।

इस मौके पर पूर्व सांसद कमल किशोर कमांडो किसान कांग्रेस उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी,  राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर अजय चौधरी, जॉइंट कॉर्डिनेटर राजू मान, प्रिया ग्रेवाल, डॉ अनिल, दिल्ली किसान कांग्रेस चेयरमैन राजबीर सिंह, सुरेंद्र दहिया, राकेश भडाना, अरविंद खटाना समेत सैकड़ों किसान मौजूद थे।

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